लाकॅडाउन के दौरान जंग में डटे हरियाणा पुलिस के कोरोना योद्धा
लाकॅडाउन के दौरान जंग में डटे हरियाणा पुलिस के कोरोना योद्धा
चंडीगढ़, 15 अप्रैल
दुनिया के तमाम मुल्क आज जहां कोरोना के कहर से जूझ रहे हैं तथा लाकॅडाउन के कारण सभी लोग अपने-अपने घरों में हैं, वहीं हरियाणा पुलिस के हजारों अधिकारी व जवान कोरोना महामारी के खिलाफ चल रही इस जंग में दिन-रात राज्य सरकार के प्रयासों को लागू करने के मकसद से पूरे जोश और समर्पण के साथ जुटे हुए हैं।
पुलिसकर्मी अपनी रोजमर्रा की डयूटी के साथ-साथ लाकॅडाउन को सख्ती से लागू करते हुए हर मोर्चे पर कोरोना को हराने में सीना तान के खडे़ हैं। आपदा की घड़ी में चाहे अंतरराज्यीय सीमाओं को सील कर संक्रमण को रोकना हो, फंसे प्रवासी मजदूरों को अस्थायी आश्रय में भेजना हो, बुजुर्गों व बीमारों को चिकित्सा सहायता उपलब्ध करवानी हो या रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करनी हो। इतना ही नहीं, पुलिस के ये कोरोना योद्धा सभी जिलों में अपना समाजिक दायित्व को बखूबी निभाते हुए गरीबों व जरूरतमंदों को भोजन व राषत वितरित कर मानवता की जी जान से सेवा कर रहे हैं।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, कानून एवं व्यवस्था, श्री नवदीप सिंह विर्क का कहना है कि पुलिस विभाग द्वारा सामाजिक संगठनों की सहायता से अब तक 19 लाख से अधिक जरूरतमंदो को मुफ्त राशन व भोजन की सुविधा प्रदान की जा चुकी है। कोरोना के खिलाफ चल रही इस जंग में चैबिसो घंटे पुलिस के सभी अधिकारियों व जवानों सहित महिला पुलिसकर्मी भी पूरी मुस्तैदी के साथ कर्तव्यों का निर्वहन कर रही हैं।
जहां एक और संक्रमण के खतरे को देखते हुए पुलिसकर्मियों ने परिवार व बच्चों से भी दूरी बना ली है, वहीं प्रदेश के लोगों को कोरोना से बचाने के लिए उनकी कर्मठता और जज्बे में कोई कमी नहीं आई है। एक महिला पुलिसकर्मी कहती हैं कि……..मेरी कोशिश रहती है कि मैं परिवार से दूर रहूं और बच्चों के सोने के बाद ही घर जाउं। डर रहता है कि किसी प्रकार की दिक्कत न हो जाएं, इसलिए फोन पर ही बात कर दिल को तसल्ली दे लेती हूं।
एक अन्य पुलिसकर्मी के मुताबिक, लाकॅडाउन में लोगों को घरों में रखना भी पुलिस के लिए एक चुनौती है। जब लोग नहीं मानते तो कभी-कभार सख्ताई भी बरतनी पड़ती हैं। हालांकि, नाकों व अन्य स्थानों पर दिन-रात डयूटी करते हुए कुछ लोग जब हमारी तारीफ करते है तो हमें भी अपनेपन का अहसास होता है। लाकॅडाउन में पुलिसकर्मी तेजी से बढती गर्मी में सडकों पर विभिन्न प्रकार की डयूटी करते हुए न केवल अपनी स्वच्छता का ध्यान रख रहे हैं बल्कि मानवता की सेवा में सोशल डिस्टेंसिग नियमों को पूरी तरह निभाते हुए दूसरों को भी जागरूक कर रहे हैं।
पुलिसकर्मी अपनी रोजमर्रा की डयूटी के साथ-साथ लाकॅडाउन को सख्ती से लागू करते हुए हर मोर्चे पर कोरोना को हराने में सीना तान के खडे़ हैं। आपदा की घड़ी में चाहे अंतरराज्यीय सीमाओं को सील कर संक्रमण को रोकना हो, फंसे प्रवासी मजदूरों को अस्थायी आश्रय में भेजना हो, बुजुर्गों व बीमारों को चिकित्सा सहायता उपलब्ध करवानी हो या रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करनी हो। इतना ही नहीं, पुलिस के ये कोरोना योद्धा सभी जिलों में अपना समाजिक दायित्व को बखूबी निभाते हुए गरीबों व जरूरतमंदों को भोजन व राषत वितरित कर मानवता की जी जान से सेवा कर रहे हैं।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, कानून एवं व्यवस्था, श्री नवदीप सिंह विर्क का कहना है कि पुलिस विभाग द्वारा सामाजिक संगठनों की सहायता से अब तक 19 लाख से अधिक जरूरतमंदो को मुफ्त राशन व भोजन की सुविधा प्रदान की जा चुकी है। कोरोना के खिलाफ चल रही इस जंग में चैबिसो घंटे पुलिस के सभी अधिकारियों व जवानों सहित महिला पुलिसकर्मी भी पूरी मुस्तैदी के साथ कर्तव्यों का निर्वहन कर रही हैं।
जहां एक और संक्रमण के खतरे को देखते हुए पुलिसकर्मियों ने परिवार व बच्चों से भी दूरी बना ली है, वहीं प्रदेश के लोगों को कोरोना से बचाने के लिए उनकी कर्मठता और जज्बे में कोई कमी नहीं आई है। एक महिला पुलिसकर्मी कहती हैं कि……..मेरी कोशिश रहती है कि मैं परिवार से दूर रहूं और बच्चों के सोने के बाद ही घर जाउं। डर रहता है कि किसी प्रकार की दिक्कत न हो जाएं, इसलिए फोन पर ही बात कर दिल को तसल्ली दे लेती हूं।
एक अन्य पुलिसकर्मी के मुताबिक, लाकॅडाउन में लोगों को घरों में रखना भी पुलिस के लिए एक चुनौती है। जब लोग नहीं मानते तो कभी-कभार सख्ताई भी बरतनी पड़ती हैं। हालांकि, नाकों व अन्य स्थानों पर दिन-रात डयूटी करते हुए कुछ लोग जब हमारी तारीफ करते है तो हमें भी अपनेपन का अहसास होता है। लाकॅडाउन में पुलिसकर्मी तेजी से बढती गर्मी में सडकों पर विभिन्न प्रकार की डयूटी करते हुए न केवल अपनी स्वच्छता का ध्यान रख रहे हैं बल्कि मानवता की सेवा में सोशल डिस्टेंसिग नियमों को पूरी तरह निभाते हुए दूसरों को भी जागरूक कर रहे हैं।