What To Do On Dhanteras – सुप्रसिद्ध ज्योतिषी मदन गुप्ता स्पाटू ने बताया कि 2 नवंबर को धनतेरस होने से स्वास्थ्य के देवता भगवान धनवंतरी की पूजा करने का भी विधान है। देवी लक्ष्मी सागर मंथन से उत्पन्न हुई थीं, उसी प्रकार भगवान धन्वंतरी भी अमृत कलश के साथ ही सागर मंथन से उत्पन्न हुए हैं, हालांकि देवी लक्ष्मी धन की देवी हैं, परन्तु उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य और लंबी आयु भी चाहिए। यही कारण है दीपावली के पहले अर्थात धनतेरस से ही दीपामालाएं सजने लगती हैं।
भगवान धन्वंतरी का जन्म त्रयोदशी के दिन कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन ही हुआ था, इसलिए इस तिथि को धनतेरस के रूप में मनाया जाता है। धन्वंतरी जब प्रकट हुए थे, तो उनके हाथों में अमृत से भरा कलश था। भगवान धन्वंतरी चूंकि कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए ही इस अवसर पर बर्तन खरीदने की परम्परा है। कहीं-कहीं लोक मान्यता के अनुसार यह भी कहा जाता है कि इस दिन खरीददारी करने से उसमें तेरह गुणा वृद्धि होती है।
भगवान कुबेर को सफेद मिठाई का भोग लगाना चाहिए, जबकि धन्वंतरि को पीली मिठाई और पीली चीज प्रिय है।
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पूजा में फूल, फल, चावल, रोली-चंदन, धूप दीप का प्रयोग करना चाहिए। शाम को परिवार के सभी सदस्य इकट्ठा होकर प्रार्थना करें। सबसे पहले विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा करें। उन्हें स्नान कराने के बाद चंदन या कुमकुम का तिलक लगाएं। भगवान को लाल वस्त्र पहना कर भगवान गणेश की मूर्ति पर ताजे फूल चढ़ाएं।
कुबेर देव को धन का अधिपति कहा जाता है। माना जाता है कि पूरे विधि-विधान से जो भी कुबेर देव की पूजा करता है उसके घर में कभी धन संपत्ति की कभी कमी नहीं रहती है। कुबेर देव की पूजा सूर्य अस्त के बाद प्रदोष काल में करनी चाहिए।
सूर्य अस्त होने के बाद करीब दो से अढ़ाई घंटों का समय प्रदोष काल माना जाता है। धनतेरस के दिन लक्ष्मी की पूजा इसी समय में करनी चाहिए। अनुष्ठानों को शुरू करने से पहले नए कपड़े के टुकड़े के बीच में मुट्ठी भर अनाज रखा जाता है।
कपड़े को किसी चौकी या पाटे पर बिछाना चाहिए। आधा कलश पानी से भरें, जिसमें गंगाजल मिला लें। इसके साथ ही सुपारी, फूल, एक सिक्का और कुछ चावल के दाने और अनाज भी इस पर रखें। कुछ लोग कलश में आम के पत्ते भी रखते हैं। इसके साथ ही इस मंत्र का जाप करें-
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद, ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥
इसके बाद एक प्लेट में लक्ष्मी जी की प्रतिमा का पंचामृत (दूध, दही, घी, मक्खन और शहद का मिश्रण) से स्नान कराएं। इसके बाद देवी चंदन लगाएं, इत्र, सिंदूर, हल्दी, गुलाल आदि अर्पित करें। परिवार के सदस्य अपने हाथ जोड़ कर सफलता, समृद्धि, खुशी और कल्याण की कामना करें।
लक्ष्मी जी व गणेश जी की चांदी की प्रतिमाओं को इस दिन घर लाना, घर- कार्यालय, व्यापारिक संस्थाओं में धन, सफलता व उन्नति को बढ़ाता है।
धनतेरस के दिन चांदी खरीदने की भी प्रथा है। इसके पीछे यह कारण माना जाता है कि यह चन्द्रमा का प्रतीक है जो शीतलता प्रदान करता है और मन में संतोष रूपी धन का वास होता है। संतोष को सबसे बड़ा धन कहा गया है, जिसके पास संतोष है वह स्वस्थ है, सुखी है और वही सबसे धनवान है।
भगवान धन्वन्तरी जो चिकित्सा के देवता भी हैं, उनसे स्वास्थ्य और सेहत की कामना की जाती है। इस दिन ही लोग दीपावली की रात को लक्ष्मी गणेश की पूजा करने के लिए मूर्तियां भी खरीदते हैं।
ऐसा माना जाता है कि इस दिन नए उपहार, सोने या चांदी के सिक्के, बर्तन एवं गहनों की खरीदारी करना शुभ रहता है। शुभ मुहूर्त के समय पूजन करने के साथ सात धान्यों की पूजा भी की जाती है। सात धान्य गेहूं, उड़द, मूंग, चना, जौ, चावल और मसूर है। सात धान्यों के साथ ही पूजन सामग्री में विशेष रूप से स्वर्णपुष्पा के पुष्प से भगवती का पूजन करना लाभकारी रहता है। इस दिन पूजा में भोग लगाने के लिये नैवेद्य के रूप में श्वेत मिष्ठान्न का प्रयोग किया जाता है। साथ ही इस दिन स्थिर लक्ष्मी का पूजन करने का विशेष महत्व है। धनतेरस के दिन चांदी खरीदना शुभ रहता है।
– प्रातः प्रवेश स्थल एवं द्वार को धो दें और रंगोली बनाएं, वंदनवार एवं बिजली की झालर लगाएं।
– घर का सारा कूड़ा कर्कट, अखबारों की रद्दी, टूटा फूटा सामान, पुरानी बंद इलेक्ट्रॉनिक चीजें बेच दें, जाले साफ करें। नया रंग रोगन करवाएं। आफिस एवं घर साफ करें। अपने शरीर की सफाई करें। तेल उबटन लगाएं, आप पार्लर भी जा सकते हैं।
– पुराने बर्तन बदल कर नए लें। चांदी के बर्तन या सोने के जेवर खरीदें। नया वाहन या घर की कोई दीर्घ समय तक प्रयोग की जाने वाली नई चीज लें। खील एवं बताशे भी धन तेरस के दिन ही खरीद लें। धान से बनी सफेद खीलें सुख, समृद्धि एवं सम्पन्नता का प्रतीक हैं अतः इसे धनतेरस पर ही घर लाएं।
– इस दिन बाजार से नया बर्तन घर में खाली न लाएं उसमें मिष्ठान या फल भर के लाएं।
– धनतेरस की रात यदि आपको अपने घर में छिपकली दिख जाए तो समझें पूरा वर्ष शुभ रहेगा। इस दिन संयोगवश इसके दर्शन दुर्लभ होते हैं।
– सायंकाल मुख्य द्वार पर आटे का चौमुखी दीपक बना कर चावल या गेहूं की ढेरी पर रखें। साथ में जल, रोली, गुड़ फूल नैवेद्य रखें । इसे धन तेरस से 5 दिन लगातार हर शाम जलाएं।
– व्यवसायी अपने बही-खातों एवं विद्यार्थी अपनी पुस्तकों की पूजा करें ।
– आरोग्य हेतु धन्वंतरि दिवस पर जरूरतमंदों को दवाई दान दें ।
– नई या पुरानी इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स पर नींबू घुमा के वीरान जगह फेंकें या निचोड़ के फलश में डाल दें।
– इस दिन नए कपडे़ पहनने से पूर्व उन पर हल्दी या केसर के छींटे दें।
– नई कार या वाहन खरीदने पर उसके बोनट पर कुमकुम एवं घी के मिश्रण से स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं, नारियल पर रोली से ओम् बना के वाहन के आगे फोड़ें और प्रशाद बांट दें।
– पुराना फटा पर्स बदल दें, नया पर्स या बैग खरीदें। इसमें क्रिस्टल, श्री यंत्र, गोमती चक्र, कौड़ी, हल्दी की गांठ, पिरामिड, लाल रंग का कपड़ा, लाल लिफाफे में अपनी इच्छा / विश लिख कर रखें। लाल रेशमी धागे में गांठ लगा के पर्स में रख लें । मनोकामना में विवाह की इच्छा या ऐसा ही कोई रुका कार्य या धन प्राप्ति आदि लिख सकते हैं।
– मेष, सिंह, बृश्चिक एवं धनु राशि वाले लाल, पीला, नारंगी या भूरे रंग का पर्स या बैग रखें । बृष, तुला एवं कर्क वाले सफेद, सिल्वर, गोल्डन, आसमानी रंग के पर्स या बैग खरीदें। मकर व कुंभ राशि के लोगों को नीले, काले एवं ग्रे कलर के, मिथुन तथा कन्या राशि के लोगों को हरे रंग के पर्स या बैग खरीदने चाहिए ।
– इस दिन किसी को उधार न दें।
– कांच या प्लास्टर से बनी मूर्तियों की पूजा न करें।
– धनतेरस और दिवाली पर दिन में न सोएं, इससे नकारात्मकता बढ़ती है।
– प्रवेश द्वार साफ रखें, जूते चप्पल न रखें।
सोने का सिक्का, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मोबाइल, टी.वी आदि खरीदें। लाल फल का दान करें।
गोल्ड कॉइन, साबुत हल्दी, शिक्षा संबंधी उपकरण जैसे लैपटाप या कंप्यूटर ले सकते हैं ।
मिथुनः
फूड प्रोसेसर, मिक्सी, केसर, कलई किए बर्तन आदि लें।
चांदी के बर्तन, मोती का हार या अंगूठी, मकान वाहन का क्रय धन तेरस के दिन अत्यंत शुभ रहेगा। फ्रिज , वाटर प्योरिफायर या वाटर कूलर खरीदें ।
सोने के आभूषण या गोल्ड कॉइन खरीदना धन वृद्धि करेगा। शहद, खजूर उपहार दें ।
नया मोबाइल, ब्रॉड बैंड कनेक्शन, टीवी तथा संचार संबंधी उपकरण, स्टील के बर्तन, होम अप्लायंस खरीदें। क्रेडिट कार्ड या ऋण लेकर कुछ न खरीदें ।
चांदी के बर्तन, क्राकरी लें, परफयूम, रियल एस्टेट में निवेश करें। हर तरफ से धन धान्य की प्राप्ति होगी।
इलेक्ट्रॉनिक आइटम खरीदें। लाल रंग का एप्लायंस अच्छा रहेगा। तांबे के बर्तन, डेकोरेशन पीस खरीदें ।
लक्ष्मी जी का सोने का सिक्का या मूर्ति सामर्थ्यानुसार खरीद कर पूजा स्थान पर स्थापित करें।
वाहन या गृहपयोगी बर्तन या बिजली के यंत्र खरीदें, यदि ये काले रंग के हों तो ज्यादा अच्छा है।
लोहे की कढ़ाई, कुकर वाहन, फ्रिज, टी.वी आदि काले, नीले या ग्रे कलर का लें।
पूर्व निर्मित मकान या फ्लैट की प्राप्ति। प्रापर्टी का ब्याना देना । तांबे के बर्तन ले सकते हैं।
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