बाढड़ा और हंसावास खुर्द को
नगर पालिका से वापिस ग्राम पंचायत का दर्जा मिलने के बाद ग्राम पंचायत के अधीन होने वाले विकास कार्य अब फिर से गति पकड़ेंगे। विधायक
नैना चौटाला की मांग पर दोनों ग्राम पंचायतों को 52 लाख 17 हजार रुपये की ग्रांट मिली है। यह ग्रांट मिलने के बाद अब बाढड़ा और हंसावास खुर्द में गली निर्माण, गंदे पानी की निकासी के लिए नाली निर्माण इत्यादि से संबंधित काम शुरू हो सकेंगे। बाढड़ा की विधायक नैना सिंह चौटाला ने बताया कि जब बाढड़ा और हंसावास खुर्द को मिलाकर बाढड़ा नगर पालिका का गठन किया गया था, उस समय विकास कार्यों के लिए तत्कालीन बाढड़ा नगर पालिका में 52.17 लाख रुपये की ग्र्रांट भिजवाई गई थी। लेकिन बाढड़ा नगर पालिका भंग होने के बाद ग्राम पंचायत बाढड़ा और हंसावास खुर्द को जनसंख्या के आधार पर मिलने वाली पीआरआई ग्रांट नहीं मिल पा रही थी। जिसके कारण इन दोनों ही गांवों में मूलभूत सुविधाओं से संबंधित कार्य प्रभावित हो रहे थे। लेकिन अब शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय ने 52 लाख 17 हजार रुपये की यह राशि दोनों ग्राम पंचायतों के खाते में ट्रांसफर कर दिए हैं।
विधायक नैना सिंह चौटाला ने बताया कि प्रदेश के पंचायती राज विभाग द्वारा 21 जून 2023 को जारी गाइडलाइन के अनुसार ग्राम पंचायतों को विभिन्न कार्य अपने फंड से करने होते हैं। जिनमें गलियों का निर्माण, गंदे पानी की निकासी के लिए नालियों का निर्माण, नालियों के ऊपर जाल लगवाना इत्यादि सहित विभिन्न कार्य शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार बाढड़ा के जेवली रोड पर जलभराव की समस्या बनी हुई है। इसके समाधान के लिए कार्य भी ग्राम पंचायत के फंड से होना है। विधायक नैना सिंह चौटाला ने बताया कि यह ग्रांट मिलने के बाद ग्राम पंचायत अपने स्तर पर इस प्रकार के कार्य करवा सकेगी।
विधायक नैना सिंह चौटाला ने बताया कि ग्राम पंचायत बाढड़ा और हंसावास खुर्द को जनसंख्या के आधार पर मिलने वाली पीआरआई ग्रांट ना मिलने के विषय में उन्होंने 20 फरवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र में सरकार से जवाब भी मांगा है। उन्होंने कहा कि इसी बीच 52.17 लाख रुपये की ग्रांट दोनों पंचायतों को मिलने से विभिन्न कार्य हो सकेंगे। जिससे विकास कार्य रफ्तार पकड़ेंगे और यहां के ग्रामीणों को काफी फायदा मिलेगा।