हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि जिन बीमित किसानों की फसल रबी 2022-23 में ओलावृष्टि व जलभराव से खराब हुई है, उन सभी किसानों को उनकी फसलों में हुए नुकसान का क्लेम योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार जारी किया जा रहा है। वे शुक्रवार को हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सदन के कुछ सदस्यों द्वारा लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे।
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बताया कि रबी फसल 2022-23 के दौरान राज्य सरकार की योजना के तहत सरसों और गेहूं की खराब हुई फसल के लिए जिला हिसार, सिरसा, भिवानी व फतेहाबाद में कुल 3,70,277 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसमें 35,365 किसानों को 65.18 करोड़ रुपये का क्लेम जारी किया जा चुका है और शेष क्लेम वितरण के लिए प्रक्रियाधीन हैं। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने जिलावार जानकारी देते हुए बताया कि हिसार जिला में सरसों की फसल के लिए 6.38 करोड़ रूपये, गेहूं की फसल के लिए 3.59 करोड़ रूपये, सिरसा जिला में सरसों के लिए 5.50 करोड़ रूपये, गेहूं के लिए 91.23 करोड़ रूपये, फतेहाबाद जिला में सरसों के लिए 4.87 करोड़ रूपये, गेहूं के लिए 2.04 करोड़ रूपये और भिवानी में सरसों के लिए 51.30 करोड़ रूपये, गेहूं के लिए 23.04 करोड़ रूपये का किसानों द्वारा क्लेम किया गया है।
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बताया कि राज्य में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार खरीफ 2016 से लागू किया जा रहा है। खरीफ सीजन में धान, बाजरा, मक्का, कपास, मूंग और रबी सीजन में गेहूं, सरसों, चना, जौ और सूरजमुखी को इस योजना के तहत बीमित किया जा रहा है। इस योजना के अधीन किसानों का प्रीमियम का हिस्सा खरीफ में बीमित राशि का 2 प्रतिशत, रबी के लिए बीमित राशि का 1.5 प्रतिशत और बागवानी व वाणिज्यिक फसलों के लिए 5 प्रतिशत होता है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि हरियाणा सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए अपनी जिम्मेदारी के प्रति सजग है इसलिए उनके सामने आने वाले सभी जोखिमों के शमन के लिए अग्रिम कदम उठाए जाते है। जब भी कोई प्राकृतिक आपदा या कोई अन्य आपदा आती है, तो सरकार पीड़ितों की तुरंत सहायता करती है और नीति के अनुसार उन्हें मुआवजा भी देती है।
दुष्यंत चौटाला ने बताया कि जुलाई 2023 के दौरान हरियाणा के अधिकांश हिस्सों के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों में भी अत्यधिक भारी वर्षा हुई। परिणामस्वरूप हरियाणा में बाढ़ ने सामान्य जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया और दुर्भाग्यवश जान-माल व जानवरों की हानि और संपत्तियों और बुनियादी ढांचे की व्यापक क्षति हुई। दुष्यंत चौटाला ने बताया कि हरियाणा के इतिहास में पहली बार सरकार ने राज्य के 12 जिलों के 1469 गांवों और चार एमसी क्षेत्रों को बाढ़ प्रभावित घोषित किया है।
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने आगे बताया कि सरकार ने यथासमय बाढ़ की रोकथाम और इसके प्रभाव को कम करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए। राज्य सरकार द्वारा प्रभावित व्यक्तियों और परिवारों के लिए उनके घर, पशुधन, फसलों और वाणिज्यिक संपत्ति के संबंध में क्षति, नुकसान के लिए दावे प्रस्तुत करने की प्रक्रिया को आसान बनाने, क्षति के सत्यापन और समयबद्ध तरीके से प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से मुआवजे के वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक क्षतिपूर्ति पोर्टल लॉन्च किया गया। यह पोर्टल दो अगस्त 2023 से 25 अगस्त 2023 तक खुला था।
राज्य के सभी उपायुक्तों को उपरोक्त पोर्टल के संबंध में आम नागरिकों में उचित प्रचार-प्रसार करने का अनुरोध किया गया था। इस सम्बन्ध में इस पोर्टल पर प्रभावित व्यक्तियों द्वारा दर्ज किये गये दावों की सत्यापन प्रक्रिया पूर्ण होने उपरांत हरियाणा सरकार के मानदंडों, निर्देशनुसार 63,75,500 रुपये पशु हानि के लिए, 5,14,85,000 रुपये क्षतिग्रस्त मकानों के लिए 13,37,500 रुपये, घरेलू सामान के लिए 4,85,500 रुपये व्यावसायिक संपत्ति (ग्रामीण क्षेत्र) के लिए स्वीकृत किये गये। इसके अतिरिक्त 40 शोक संतप्त परिवारों को 1,60,00,00 रुपये (प्रति मृतक 4 लाख रुपये) की राशि स्वीकृत की गई है। बचाव कार्यों के लिए राज्य के 10 जिलों को अतिरिक्त 11.02 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने यह भी बताया कि फसल के नुकसान के मुआवजे के सम्बन्ध में सरकार ने लागू मानदंडों का पालन करते हुए, संबंधित अधिकारियों द्वारा सत्यापन के अधीन, (प्रभावित क्षेत्रों के लिए) फिर से बोए गए क्षेत्र के लिए 7,000 रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा प्रदान करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि राज्य में बाढ़ प्रभावित 5,77,296.61 एकड़ क्षेत्र के लिए कुल 1,34,310 किसानों (कपास की फसल को छोड़कर) ने पोर्टल पर अपने दावे दर्ज किए है। सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा सत्यापन के बाद, मुआवजे के लिए 97,93,25,839 रुपये की राशि का आंकलन किया गया है, जिसे प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से जारी कर दिया गया है।
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