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फौज में कच्ची भर्ती वाली अग्निपथ योजना को तुरंत वापस ले सरकार – दीपेंद्र हुड्डा |

सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने आज राज्य सभा में कांग्रेस पार्टी की तरफ से अंतरिम बजट पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि बहुमत में विनम्रता होनी चाहिए। इसलिये सरकार विपक्ष की सकारात्मक आलोचना को सकारात्मक रूप से ले। दीपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा के मंजूरशुदा बड़े प्रोजेक्ट गिनाते हुए सवाल किया कि बजट में न तो इनका कोई जिक्र है न ही इनके लिये एक रुपये का आवंटन दिया सरकार ने। मनेठी एम्स, बाढ़सा एम्स के बचे हुए 10 संस्थान, महम का इंटरनेशनल एयरपोर्ट, गोहाना रेल कोच फैक्ट्री, गुरुग्राम में बनने वाले भारतीय राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय, दिल्ली-सोनीपत-पानीपत और दिल्ली-गुरुग्राम-अलवर हाईस्पीड रेल कॉरिडोर आरआरटीएस को एक रुपये का बजट नहीं दिया। उन्होंने किसान, नौजवान, पहलवान, संविधान सबकी बात करते हुए कहा कि ये सरकार न तो किसान की है न जवान की है न संविधान की है। सरकार की नीतियों से साबित हो गया है कि ये सिर्फ धनवान की है।

उन्होंने अग्निपथ योजना को तुरंत वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि अग्निपथ योजना लागू होने से पहले सेना में चयनित सभी 1.5 लाख युवाओं की तत्काल ज्वाइनिंग दी जाए। अग्निपथ योजना न तो देश की सेना के हित में है, न देश के हित में है और न ही देश के युवाओं के हित में है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में पहले हर साल फौज में 5000 की पक्की भर्ती होती थी अब वो भी घटकर 900 रह गयी जिसमें से 4 साल बाद 200 अग्निवीर ही पक्के हो पायेंगे। उन्होंने सरकार से पूछा कि अग्निपथ योजना की मांग किसने की थी। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में रिकार्ड बेरोजगारी से हालात इतने खराब हैं कि युवा हताशा में और हताशा से नशे में और नशे से अपराध में फंस रहे हैं। युवा अपनी जान जोखिम में डालकर डंकी के रास्ते अवैध तरीके से बड़ी तादाद में पलायन कर रहे हैं। केंद्रीय सरकार में 2014 तक 17.3 लाख जॉब थी, जो आज घटकर 14 लाख रह गयी है। रोजगार के चिंताजनक पहलुओं पर सरकार की पोल खोलते हुए सांसद दीपेंद्र ने कहा कि इस सरकार में बेरोजगारी का रिकार्ड बना। 45 प्रतिशत ग्रेजुएट बेरोजगार हैं। कृषि क्षेत्र पर कामगारों की निर्भरता पहले 60 प्रतिशत थी जो 2014 में घटकर 42 प्रतिशत पर आ गयी थी। लेकिन मौजूदा सरकार के 10 साल के कार्यकाल में वो फिर से बढ़कर 46 प्रतिशत पर पहुंच गयी है। जो इस बात का स्पष्ट संकेत हैं कि मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में रोजगार घटा है। मौजूदा सरकार ने अपने 10 वर्षों में यूपीए सरकार से 3.4 गुना ज्यादा पीएसयू का विनिवेश किया जो कुल 4.07 लाख करोड़ है।

उन्होंने बजट पर सरकार के आंकड़ों से ही सरकार की पोल खोलते हुए यूपीए सरकार के 10 साल और मौजूदा सरकार के 10 सालों की तुलना करते हुए बताया कि यूपीए सरकार के समय औसत जीडीपी ग्रोथ रेट 7.7 प्रतिशत थी जो एनडीए सरकार में 5.7 प्रतिशत रही। यूपीए सरकार के समय निवेश में 70.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वहीं, निजी निवेश यूपीए के 10 वर्षों में 27 प्रतिशत था, आज 20 प्रतिशत पर है। यूपीए के समय निर्यात में 80 बिलियन डॉलर से 321 बिलियन डॉलर यानी 400 प्रतिशत वृद्धि हुई, लेकिन मौजूदा सरकार इसे 321 से 447 बिलियन डॉलर तक ही ले जा पायी। यानी 40 प्रतिशत वृद्धि हुई। 2014 में रुपया 61 रुपये प्रति डॉलर पर था जो आज लुढ़क कर 83 रुपया प्रति डॉलर पर पहुंच गया। महंगाई के चलते उपभोग में गिरावट की चर्चा करते हुए दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि 2014 में पेट्रªोल 71 रुपये, डीजल 55 रुपये, रसोई गैस 400 रुपये पर था जो आज क्रमशः 97 रुपये, 90 रुपये और गैस 903 पर पहुंच गया है। टोल अप्रत्यक्ष रूप से टैक्स लगाने का माध्यम होता है। 2014 में टोल वसूली 10 हजार करोड़ रुपये थी जो आज 60 हजार करोड़ रुपये हो चुकी है। देश की अर्थव्यवस्था पर कर्ज 58 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 177 लाख करोड़ तक पहुंच गया है।

किसानों पर कर्ज बढ़ने की बात करते हुए दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था पर ही कर्ज नहीं बढ़ा किसान भी कर्जवान हुआ। किसान की आमदनी दोगुनी करने का वादा किया गया था लेकिन किसानों पर कर्जा दोगुना हो गया। देश में किसानों पर कर्ज 9 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 23.4 लाख करोड़ हो गया है। किसानों के लिये न तो भाव बढ़ाया न उनकी कर्जा माफी की। इसके विपरीत सरकार ने कार्पोरेट का 14 लाख करोड़ का कर्जा माफ हुआ। यूपीए सरकार के 10 वर्षों में एमएसपी में 150 से 200 प्रतिशत की वृद्धि की गयी थी जबकि मौजूदा सरकार ने सिर्फ 40 से 50 प्रतिशत वृद्धि की।

उन्होंने कहा कि सरकार 80 करोड़ लोगों को अनाज देने का दावा करती है। लेकिन ये भी सच है कि 2014 में ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 55वें नम्बर पर था जो आज 111वें नम्बर पर पहुंच गया है। गरीब अमीर में अंतर का रिकार्ड बनाया है। टॉप 5 प्रतिशत लोगों के हाथ में 65 प्रतिशत संपत्ति है और देश की आधी आबादी के पास सिर्फ 3 प्रतिशत है। उन्होंने वित्तीय मोर्चे पर सरकार का रिपोर्ट कार्ड संसद में रखते हुए कहा कि 75 साल में डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस इतना महंगा पहले कभी नहीं हुआ। किसान इतना कर्जवान पहले नहीं हुआ, डॉलर के मुकाबले रुपया इतना नहीं गिरा, जितना इस सरकार में। 75 साल में कार्पोरेट का इतना कर्जा माफी नहीं हुआ, जितना इस सरकार में हुआ। 75 साल में किसान का इतना अपमान नहीं हुआ जितना इस सरकार में हुआ। 75 साल में बेरोजगारी इतनी कभी नहीं बढ़ी जितना इस सरकार में। 75 साल में महिला पहलवानों को ऐसी असंवेदनशीलता, ऐसा अंहकार नहीं देखना पड़ा था जितना इस सरकार में।

 

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