हरियाणा के गृह मंत्री श्री अनिल विज ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की अपने दिल की गहराईयों से प्रषंसा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी की रहनुमाई से अयोध्या में श्रीराम जी की प्राण-प्रतिष्ठा होने जा रही है, जोकि बहुत ही बडी बात है। उन्होंने कहा कि देष 1947 में आजाद हो गया, लेकिन देष के 80 प्रतिषत लोगों के जो आस्था है उनको आजादी अब मिलेगी। उन्होंने कहा कि ‘वेटिकन में आजादी है मक्का में आजादी है लेकिन 80 प्रतिषत भारतीयों के जो आस्था हैं उनको आजादी नहीं थी, अब वो बन रहा है, इसके लिए हम सौभाग्यषाली है कि यह सब हमारे जीवनकाल में हो रहा है’। श्री अनिल विज आज यहां चण्डीगढ में पत्रकारों द्वारा अयोध्या में श्रीराम मंदिर में आगामी 22 जनवरी को होने वाली प्राण-प्रतिष्ठा के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे।
श्री अनिल विज ने कहा कि 22 जनवरी को तो सभी नहीं जा सकते हैं लेकिन 22 जनवरी के बाद बहुत से लोग जाना चाहते हैं इसलिए हम भी वहां पर योजना बनाकर जाएंगें और रामलला के दर्षन करेंगें। गत दिनों अंबाला छावनी में निकाली गई श्रीराम यात्रा के संबंध में उन्होंने कहा कि हाल ही में हमने अंबाला छावनी में एक भव्य श्रीराम यात्रा निकाली थी और इसमें अंबाला के प्रत्येक घर से रामभक्त शामिल हुआ। उन्होंने कहा कि लोगों के निवेदन पर आगामी 22 जनवरी के बाद लोगों को हम एक रेलगाडी के माध्यम से ले जाने के लिए प्रयास कर रहे हैं और इसके लिए रेलगाडी को बुक करेंगें और रेलगाडी में जाएंगें।
हिमाचल प्रदेष सरकार के मंत्रियों द्वारा श्रीराम जी की प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में जाने और कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं के न जाने के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हमारा जाने का फैसला धार्मिक है और कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियां जो फैसला कर रही हैं। हमारी और उनकी भावना में बड़ा अंतर है। हम तो राम लाल के दर्शन करने के लिए जा रहे हैं धार्मिक भावना से जा रहे हैं और वह हमारे आस्था है इसलिए हम जा रहे हैं। लेकिन कांग्रेस वोटें गिन रहे हैं। कांग्रेस के पास मौके तो बहुत थे, अगर वे चाहते तो मंदिर पहले ही बनवा देते, मगर उन्होंने नहीं बनवाया। श्रीराम जी हमारे आस्था, विष्वास और आदर्ष है।
उन्होंने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि कुछ लोगों का खोटा दिमाग होता है और वो कुछ लोगों में खोट ही ढूूंढते हैं। उन्होंने कहा कि जब मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा हो गई, तो दर्षन कर सकते हैं लेकिन मंदिर तो कई-कई साल तक बनते रहते हैं। इसलिए मूर्ति में जब प्राण-प्रतिष्ठा हो गई तो कोई भी दर्षन कर सकता है। उन्होंने बात रखते हुए कहा कि कांग्रेस नया ही इतिहास बता रही हैं क्यांेकि कई मंदिर तो कई सालों से बन रहे हैं क्या लोग उनमें जाते नहीं, लोग जाते हैं। जिसकी आस्था है उसको जाना ही चाहिए।
आगामी 22 जनवरी को आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम के संबंध में उन्होंने कहा कि 22 जनवरी तक अपने-अपने जो देवालय है जहां अपने-अपने मंदिर है उनमें सफाई करें। श्री अनिल विज ने कहा कि उनके द्वारा कल से ही अपने घर के नजदीकी मंदिर में साफ-सफाई की जा रही है। उन्होंने लोगों से आहवान करते हुए कहा कि अपनी-अपनी कॉलोनी में 22 तारीख तक देवालयों को साफ करें। उन्होंने कहा कि वातावरण शांत रखें, सात्विक भोजन करें, मांस मदिरा का सेवन न करें। क्योंकि मंास मदिरा उत्तेजना पैदा करती है और हमने शुद्ध वातावरण पैदा करना है। रजोगुणी तपोगुणी भोजन का सेवन न करें ताकि एक सात्विक माहौल बनें क्योंकि 500 सालों के बाद इतनी बडी घटना होने जा रही है इसलिए हमें अंदर और बाहर दोनों जगह अपनी तैयारी करनी चाहिए।
श्री अनिल विज ने आज अपने पिछले अयोध्या प्रवास के संस्मरणों को सांझा करते हुए कहा कि ‘‘मैं दोनों बार वर्ष 1990 व 1992 में अयोध्या गया था। वर्ष 1990 में तो अंबाला से काफी लोग अयोध्या के लिए रवाना हुए थे और रास्ते में पुलिस लोगों को गाडियों में से उतार कर गिरफतार करती जा रही थी, लेकिन हम लखनऊ तक पहुंच गए थे। लखनऊ में गाडी स्टेषन से बाहर ही रूक गई और किसी ने कहा कि आप यहीं पर रूक जाओ। हम वहां पर उतर गए और वहां से जिस कालोनी में गए तो वहां पर माहौल ठीक नहीं था। वहां पर कुछ लोग मोटरसाइकिल पर आए और उन्होंने हमें कहा कि आप गलत जगह आ गए हो क्योंकि यहां पर कुछ भी हो सकता है इसलिए आप यहां के मंदिर में चले जाओ और मंदिर में आपको कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा। इसलिए हम मंदिर में चले गए’’।
उन्होंने अपनी यादों के जिक्र को आगे बढाते हुए कहा कि ‘‘कुछ ही देर में वहां मंदिर में पुलिस की बस आ गई और पुलिस ने हमें गिरफतार कर लिया। इसके बाद उन्हें लखनऊ जेल में ले जाया गया और वहां पर बताया गया कि यहां पर जेल भरी हुई है और उसके बाद पुलिस हमें उन्नाव जेल में ले गई और वे वहां पर 10 से 12 दिन तक रहे’’।
श्री अनिल विज ने वर्ष 1992 के संबंध में कहा कि ‘‘वर्ष 1992 में उनकी डयूटी 6 दिसंबर से ही लग गई थी। मैं वहीं था और वहीं पर हम रह रहे थे और हमने वहीं पर तम्बू लगा रखे थे। उन्होंने बताया कि 6 दिसंबर को जो हुआ वो हमारे आंखों के सामने हुआ। उस इतिहास के हम साक्षी और कुछ मान्य में हम उस इतिहास के हिस्सा भी हैं’’। इस दौरान की पीडा होने के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हमें सारी यादें हैं कि किस प्रकार से पुलिस हमारे साथ बर्ताव करती थी। उन्होंने कहा कि 1992 में कल्याण सिंह मुख्यमंत्री थे, और उन्होंने कहा था कि मैं गोली नहीं चलाऊंगा। उन्होंने बताया कि अयोध्या में जब लोगों का सब्र टूटा तो लोगों ने इसे धराषाही कर दिया। वो सब हमने अपनी आंखों से देखा है।
राहुल गांधी की न्याय यात्रा के संबंध में पूछे एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जी को न्याय यात्रा की बजाए प्रायश्चित यात्रा निकालनी चाहिए। कांग्रेस और राहुल गांधी जी के नाना और उनकी दादी ने जो-जो अन्याय इस देष के साथ किए हैं। उसके लिए उनको प्रायष्चित करना चाहिए। कांग्रेस ने हिंदुस्तान का धर्म के आधार पर बंटवारा करवा दिया जबकि यह कहीं नहीं लिखा हुआ था कि हमारा बंटवारा होगा और दस लाख लोगों को इन्होंने (कांग्रेस) मरवा दिया। इसलिए इनको (कांग्रेस) प्रायष्चित करना चाहिए। इन्होंने संविधान को कुचल कर देष में एमरजेंसी लगा दी और एक लाख से ज्यादा लोग आंतरिक सुरक्षा अधिनियम (मीसा) में बंद कर दिए। इन्होंने कई बार चुनी हुई सरकारों को तोडने का खेल खेला। इन्होंने 1984 में सिखों का कत्लेआम करवाया और उसे ठीक ठहरवाया, इनको (कांग्रेस) तो प्रायष्चित करना चाहिए।
आईपीसी व अन्य कानूनों के संसद में पारित होने के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जैसे ही नए कानून क्रियान्वित होंगें तो हम पुलिस की कैंपिंग कराकर प्रषिक्षण करवाएंगें। उन्होंने कहा कि पहली बार किसी सरकार ने यह बहुत ही अच्छा सोचा कि हम अपने कानूनों में भारतीय दण्ड संहिता ला रहे है क्योंकि अभी तक अंग्रेजों की दण्ड संहिता थी। अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कंपनी रूल ही अभी तक चल रहे थे। उन्होंने कहा कि गुलामी के जितने भी चिन्ह हैं उन्हें एक-एक करके उखाडकर फेंका जा रहा है उनमें से यह भी एक है। हम अपनी भारतीय दण्ड संहिता बना रहे हैं उसका स्वागत हैं। इस संबंध में पुलिस को प्रषिक्षण देने के लिए तैयारियां कर रहे हैं।
आईएनडीआई गठबंधन के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘‘षेर के डर से भेडें एकटठी हो जाया करती हैं, लेकिन वो उनका सच्चा प्यार नहीं होता’’। ये सुबह इकटठे होते हैं और शाम को लडते हैं। पंजाब में लडते हैं और दिल्ली में इकटठे होते हैं। पष्चिम बंगाल में ममला बैनर्जी कहती हैं कि दो सीटें देनी है ले लो। इसलिए इन पर तरस आता है।
आपरेषन आक्रमण के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आपरेषन आक्रमण हर महीने चलाया जाता है इसमें जुआ, सटटा, शराब, ड्रग्स इत्यादि गैर-कानूनी कार्यों में संलिप्त लोगों पर अकस्मात कार्यवाही की जाती है।
For More Information, Stay Updated With – Newsonline.media
In a landmark achievement for India, Suvarna Raj, a celebrated para-athlete and a passionate disability…
Parimatch is excited to announce the launch of two new exclusive games tailored specifically for…
In a strategic move to address the growing demand for skilled professionals in India's booming…
Truecaller, the leading global platform for verifying contacts and blocking unwanted communication, is proud to…
E2E Networks, an Indian Cloud and AI Cloud provider has announced a strategic partnership with…
Pulse Candy, a leading hard-boiled candy brand from the Dharampal Satyapal Group (DS Group), a…