छोटे किसानों हेतु सहकारी फार्मिंग को दें बढ़ावा – बनवारी लाल |
साझा डेयरी के मॉडल को भी जल्द करें क्रियान्वित |
हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने कहा कि अधिकारी छोटे किसानों के लिए सहकारी फार्मिंग को बढावा देने पर कार्य करें ताकि उन्हें प्रोत्साहन दिया जा सके। इसके अलावा साझा डेयरी के मॉडल को भी जल्द ही अमलीजामा पहनाया जाए।
सहकारिता मंत्री आज सहकारी, हैफेड, पैक्स, डेयरी विकास के अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. वी राजा शेखर वुंडरू, एमडी सहकारी प्रसंघ, श्री संजय जून, एमडी हैफेड श्री जे गणेशन, आरसीएस श्री राजेश जोगपाल सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि सहकारी फार्मिंग से छोटे किसान मिलकर खेती करेंगे तो उनकी लागत कम आएगी और उन्हें ज्यादा लाभ मिलेगा। इसके अलावा सहकारी प्रसंघ की आय बढ़ाने और युवाओं को स्वरोजगार की ओर प्रेरित करने के लिए जल्द राज्य की हर हाउसिंग सोसायटी में वीटा बूथ अलॉट किए जाएगें। यह कार्य आरडब्लूए के सहयोग से पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 6 जिलों में साझा डेयरी के लिए स्थलों का चयन किया जा चुका है। इनके लिए 240 से 280 पशुओं के लिए मॉडल तैयार किए गए है और इन्हें जल्द ही शुरू किया जाएगा।
बनवारी लाल ने बताया कि 776 पैक्स के लिए बाईलॉज तैयार कर दिये गये है। इसके अलावा हिसार में सीएम पैक्स पोर्टल के लिए भी रजिस्टर्ड किया जा चुका है। इसके अलावा पंचकूला, चरखी दादरी व नूंह में भण्डारण केन्द्र बनाने के लिए कार्य किया जा रहा है ताकि उचित दर पर भण्डारण की सुविधा मिल सके। उन्होंने कहा कि राज्य में 592 किसान समृद्धि केंद्र शुरू किए जा चुके हैं शेष बनाने की प्रक्रिया जारी है।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि सहकारी क्षेत्रों के लिए 6 लाख मिट्रिक टन क्षमता के गोदाम तैयार किए जा रहे है। इन पर 275 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इसके अलावा 19 गोदाम एआईएम की सहायता से तैयार किए जा रहे है। इसके अलावा 7.6 करोड़ रुपए की लागत से रादौर में हल्दी प्लांट लगाया गया है। इसमें लोगों को हल्दी का ऑयल उचित दर पर मुहैया करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि जाटुसाना में 100 एमटी क्षमता का फ्लोर मिल का कार्य भी पूरा हो गया है। इस पर 13.50 करोड़ रुपए की लागत आई है।
डा. बनवारी लाल ने कहा कि रोहतक में 179.75 करोड़ रुपए की लागत से मेगाफुड पार्क बनाया जा रहा है। इसके अलावा नरवाना, मानकपुर व बावल में प्राईमरी प्रोसेसिंग सेंटर भी बनाए जा रहे है। एक्सपर्ट हाउस तथा कैथल में गेहूं के बीज का प्लांट भी लगाया जा रहा है।