सरस्वती नदी महज नदी नहीं, एक संपूर्ण सभ्यता का प्रतीक है। इस नदी को सांस्कृतिक परंपरा, भारतीयता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से जोडक़र हम विकसित भारत का संकल्प पूरा करने का प्रयास करेंगे। यह उद्गार राज्यसभा सांसद एवं त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने आज महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय का चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल एंड इकोनोमिक चेंज और हरियाणा सरस्वती हेरिटेज डेवलपमेंट बोर्ड के संयुक्त तत्वावधान में स्वराज सदन में – सरस्वती रिवर – कल्चरल पर्सपेक्टिव, जियोग्राफिकल डायमेंशन्स एंड टूरिज्म पोटेंशियल विषय पर आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए व्यक्त किए।
राज्यसभा सांसद बिप्लब कुमार देब ने विद्यार्थियों से रूबरू होते हुए कहा कि दुनिया में प्रतिष्ठित बनने के लिए अपने इतिहास और संस्कृति को जानना होगा। उन्होंने सांस्कृतिक, भौगोलिक तथा पर्यटन की दृष्टि से सरस्वती नदी को महत्वपूर्ण बताते हुए इस दिशा में युवाओं से शोध कार्य को आगे बढ़ाने की बात कही। उन्होंने इस अवसर पर महर्षि दयानंद सरस्वती की जयंती पर महान आत्मा को याद किया और श्रद्धांजलि देते हुए युवाओं से उनके दिखाए मार्ग पर चलने का आह्वान किया।
कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने अध्यक्षीय भाषण देते हुए कहा कि सरस्वती नदी का उल्लेख वैदिक काल से रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रांत में सरस्वती नदी का आध्यात्मिक, धार्मिक तथा भौगोलिक महत्व है। उन्होंने कहा कि ये स्थल भारतीय ज्ञान परंपरा से संबद्ध है, ऐसे में भारतीयता का बोध भी सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य में है। उन्होंने हरियाणा प्रांत में विद्यार्थियों को भारतीयता की इस धारा से जोड़ने की जरूरत पर बल देने की बात कही। कुलपति ने कहा कि जल्द ही विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को हरियाणा प्रांत में सरस्वती नदी से जुड़े प्रमुख धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों की विजिट करवाई जाएगी और इस दिशा में शोध कार्य को आगे बढ़ाने में भी एमडीयू भी सरस्वती नदी हेरिटेज डेवलपमेंट बोर्ड के साथ मिलकर अपना योगदान देगा।
इस राष्ट्रीय सेमिनार की कंवीनर एवं चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट की निदेशिका प्रो. सोनिया मलिक ने प्रारंभ में स्वागत भाषण दिया। हरियाणा सरस्वती हेरिटेज डेवलपमेंट बोर्ड के उपाध्यक्ष धूमन सिंह किर्मच ने सेमिनार की विषयवस्तु पर प्रकाश डाला। आभार प्रदर्शन हरियाणा सरस्वती हेरिटेज डेवलपमेंट बोर्ड की रिसर्च ऑफिसर डा. दीपा नथालिया ने किया। पूर्ण सत्र में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के प्रो. भगवान सिंह चौधरी तथा प्रो. ए. आर. चौधरी ने विषय बारे विस्तार से व्याख्यान दिया। तकनीकी सत्र का संचालन डा. मनमोहन ने किया। इस अवसर पर प्रतिष्ठित समाजसेवी सरदार हरपाल सिंह चीका, सेमिनार के निदेशक इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रो. जयवीर धनखड़, भूगोल विभाग के अध्यक्ष प्रो. महताब सिंह, आईएचटीएम निदेशक प्रो. आशीष दहिया समेत एमडीयू के प्राध्यापक, शोधार्थी, विद्यार्थी और शहर के गणमान्यजन उपस्थित रहे।
For More Information, Stay Updated With – Newsonline.media
In a remarkable achievement, Manthan School has been ranked 3rd in Telangana and Hyderabad, and…
Solidus Techno Power Pvt. Ltd., a leader in solar EPC solutions, is pleased to announce…
Salesforce, the worlds #1 CRM, powered by AI technology and capabilities, today hosted India's first…
Lung cancer remains one of the most prevalent and deadly cancers globally, with approximately 2.2…
At Lord's Mark Industries Limited, led by Sachidanand Upadhyay, we are committed to fostering positive…
After the success of the first phase of 'The Missing Beat', a campaign aimed at…