कृषि मंत्री जेपी दलाल का बयान। किसान हितैषी फ़ैसला मुख्यमंत्री ने लिया है।
गन्ने का रेट जो हमने रेक्मोंड किया था उसपर मुख्यमंत्री ने सहमति जताई है उसके लिए मुख्यमंत्री का बहुत बहुत धन्यवाद।
प्रदूषण पर बोले जेपी दलाल
दिल्ली में प्रदूषण का कारण सिर्फ पराली जलाना नही है। इसके इलावा बहुत सारे कारण है। जब आप की पंजाब में सरकार नही थी तब वह पंजाब पर दोषारोपण करते थे। यह सही है कि पराली जलाने से प्रदूषण फैलता है, लेकिन पराली का उचित प्रबंध करने में हरीयाणा सरकार लगी हुई है। पराली में आग लगाना किसान की मजबूरी है। धान न बोए उसको लेकर हमारी सरकार 7 हजार प्रति एकड़ किसान को देते है। 59 लाख धान पिछली बार खरीदी थी। इस बार अब तक 54 लाख धान खरीदी जा चुकी है। नासा के आकडो के मुताबिक हरियाणा में पराली जलाने के मामले 1नवंबर से 7 नवंबर तक मात्र 408 मामले सामने आए। वही 13305 पराली जलाने के मामले पंजाब से सामने आए है। हमने पूरी कोशिश की है हरियाणा में पराली ना जलाई जाए। सभी सरकारो को मिलकर इसका निवारण निकालना चाहिए। अकेले किसानों पर दोषारोपण नही करना चाहिए। पराली जलाने के मामले पर अरविंद केजरीवाल राजनीति कर रहे है हरियाणा किसी पर दोषारोपण नही कर रहा। इस बात का सबूत आंकड़े है जो हरियाणा के हक में है। बड़े ही दुख के साथ हमने पराली जलाने वाले किसानों पर एफआईआर भी की है। केजरीवाल हरियाणा के किसानों पर दोषारोपण ना करे। भूपेंदर हुड्डा के बयान की गन्ने का दाम ऊँट के मुँह में जीरा देने बराबर बढ़ाये हज। इस पर कृषि मंत्री जेपी दलाल बोले भूपेंदर हुड्डा की भी सरकारें रही है, लेकिन किसानों को इतने भाव कभी नही मिले। मौजूदा समय मे हरियाणा देश मे सर्वाधिक भाव देने का काम कर रहा है। हुड्डा और कांग्रेस सिर्फ बयानबाजी के लिए बयान देते है। कांग्रेस के नेता यह नही बताते की उनके समय मे क्या भाव थे अब क्या है। किसान के हक में बयान देना अच्छी बात है। लेकिन यह मानना भी चाहिए कि उन्होंने अपने कार्यकाल में किसानों की सुध नही ली। विपक्षी पार्टियों द्वारा जातिगत राजनीति करने के सवाल पर कृषि मंत्री जेपी दलाल बोले मैं जातिगत राजनीति में विश्वास नहीं करता और ना ही बीजेपी जातिगत राजनीति करती है। हरियाणा में प्रगतिशील सरकार है। डीएपी यूरिया की कोई कमी नहीं है। जितनी सीजन में खपत होनी चाहिए उतनी हमारे पास खाद है। एकाद जगह समस्या आ जाती है। लेकिन खाद की बिल्कुल भी कमी नही है। नैनो यूरिया के फार्म बनाकर 100 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करेगे। हमारी कोशशि है किसान देख सके कि यह कितनी कामयाब प्रणाली है
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