दिवाली की सुबह भले ही आप जल्दी ही उठ कर सारे कामों में लग जाती होंगी, परन्तु फिर भी अनेक काम ऐसे हैं जो या तो छूट जाते हैं या फिर याद ही नहीं रहते, तो ऐसे में पूजा के समय पर कई चीजें याद आती हैं, तो फिर उन्हें अरेंज करने के लिए भागते हैं।
इसके लिए जरूरी है कि आप पहले से ही एक लिस्ट बना लें, ताकि आपका कोई काम अधूरा न छूटे और आपको हर चीज समय पर मिल जाए।
यूं तो दिवाली से 15 दिन पहले से ही लोग अपने घर की सफाई आरम्भ कर देते हैं, परन्तु आप दिवाली से एक शाम पहले ही पूरे घर के परदे बदल दें, सोफा कवर एवं बेड कवर इत्यादि सब बदल दें। इसके आलावा जो भी आपने डेकोरेशन थीम सोची है उसे एक शाम पहले तक पूरा कर लें। दिवाली के दिन एक बार फिर से पूरे घर की अच्छी तरह से सफाई कर दें, ताकि जो कोना छूटा है वह भी साफ हो जाए और आपका घर चमकता हुआ नजर आये।
यूं तो रंगोली आप हर साल बनाती होंगी, और रंगोली के कलर्स एवं सांचे भी घर में कहीं पड़े होंगे, लेकिन ऐन वक्त पर पता लगता है कि उनमें से या तो कोई रंग खत्म हो गया है, ऐसे में उस रंग को आज ही खरीद लें। रंगोली दिवाली के दिन सुबह ही बना लें, ताकि आपके घर की एंट्रेंस खूबसूरत आए।
ये ठीक है कि दीपमाला तो शाम को ही होनी होती है, परन्तु दीये एवं कैंडल्स भी एक सांय पहले ही खरीद लें एवं उनमें लगाने के लिए बाती या रुई भी लें लें ताकि आप पहले ही बातियां बना सकें। उन दीयों को एक बड़ी थाली में रख कर दिवाली की शाम तेल भी डाल लें, ताकि पूजा के बाद आप दीप माला कर सकें।
घर की सजावट के बीच में आपके घर का दरवाजा नहीं छूटना चाहिए, अतः यह पहले ही तय कर लें कि घर के दरवाजे पर फूलों का वंदनवार लगना है या फिर आम के पत्तों का और या फिर आप मार्केट से रेडीमेड वंदनवार लाने वाली हैं। इसके लिए पहले ही खरीददारी कर लें।
यदि आप फूलों का वंदनवार बना कर फूल रख रही हैं तो उन्हें लिफाफे में ही पैक न रहने दें, नहीं तो फूल खराब हो जायेंगे और आपके किसी काम नहीं आएंगे।
दिवाली कि पूजा पर हर कोई खास तरीके से तैयार होना चाहता है, अतः आपने या घर के अन्य मैंबर्स ने क्या पहनना है यह भी पहले ही डिसाइड कर लें और उन परिधानों को प्रेस भी करवा लें। अक्सर पूजा के टाइम पर ही अनेक लोग सोचते हैं कि क्या पहना जाए, तो उस में बहुत सा टाइम वेस्ट होता है। सभी मैंबर्स से कहें कि वे अपनी पोशाक, ज्युलरी एवं एक्सेसरी निकाल कर रख लें।
शाम को की जाने वाली पूजा के लिए लक्ष्मी गणेश की मूर्ति, थाली, फूल. खील बताशे, मिठाई, रोली, मौली, नारियल, कलश एवं सिक्के इत्यादि सब पहले ही निकाल कर रख लें।
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