सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में कांग्रेस।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा सरकारी नौकरियों और पदोन्नति में आरक्षण को मौलिक अधिकार नहीं मानने के फैसले के विरोध में कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस पार्टी ने रविवार को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर रोष प्रदर्शन करते हुए राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन देने का ऐलान किया है।
हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद कुमारी शैलजा (Selja Kumari) तथा राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने कहा कि केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करनी चाहिए। फैसले के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि एक बार फिर सत्तारुढ़ पार्टी का दलित विरोधी चेहरा सामने आ गया है। दलित उत्पीडऩ की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कुमारी शैलजा ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के मुताबिक वर्ष 2017 में राष्ट्रीय स्तर पर 43 हजार 203 मामले दर्ज हुए। हरियाणा में हर साल दलित उत्पीडऩ के मामले 20 फीसद की दर से बढ़ रहे हैं।
रणदीप सुरजेवाला ने विधानसभा में प्रदेश सरकार द्वारा रखे रिकॉर्ड का हवाला देते हुए कहा कि वर्ष 2014 से 2019 तक दलित उत्पीडऩ के तीन हजार 685 केस दर्ज हुए।
उन्होंने दावा किया कि मौजूदा सरकार में पिछड़ों की सरकारी नौकरियों में हिस्सेदारी 90 फीसद तक घट गई है। बैकलॉग भरा नहीं जा रहा। प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप और पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के बजट में भी भारी कटौती की गई है। उन्होंने कहा कि रविवार को हरियाणा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले और केंद्र सरकार द्वारा बरती जा रही ढिलाई के विरोध में प्रदर्शन करते हुए ज्ञापन सौंपे जाएंगे।