नौजवानों को लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सख्त मेहनत, दृढ़ इरादे और समर्पण भावना के साथ अपना काम करना चाहिए। लक्ष्य कितना भी मुश्किल हो, वह असंभव नहीं होता जिसके लिए सकारात्मक रवैया नहीं छोड़ना चाहिए। हर बच्चे में हुनर छिपा होता है, जरूरत है इसकी शिनाख्त करके इसे तराशने की, प्राइमरी से ही बच्चों की कॅरियर काऊंसिंग करनी चाहिए।
यह बात शिक्षा मंत्री परगट सिंह ने आज एजूसेट के द्वारा राज्य के सरकारी स्कूलों के अध्यापकों और विद्यार्थियों के रूबरू होते हुये अपने संबोधन में कही। उन्होंने टाटों पर बैठ कर छोटे होते स्कूल में पढ़ाई के दिनों को याद करते हुये कहा कि आज वह जिस स्थान पर भी हैं, वह अपने अध्यापकों की वजह से हैं। उन्होंने अपने मुख्य अध्यापक रहे मुखत्यार सिंह, गणित मास्टर बसंत सिंह, फिजिकल एजुकेशन टीचर दलजीत सिंह, हिंदी अध्यापिका सीता शर्मा, ड्राइंग टीचर ज्ञान चंद को याद करते हुये कहा कि अध्यापक का समाज में जो रुतबा है, उसके बराबर और कोई भी नहीं है।
शिक्षा मंत्री ने विद्यार्थियों की अच्छी सेहत और वातावरण की संभाल के लिए इसको गंदला होने से बचाने के लिए पटाखों का प्रयोग न करने के लिए कहते हुये ग्रीन दीवाली मनाने के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ खेल को भी अपने जीवन का हिस्सा बनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा विद्यार्थियों को अच्छी सेहत के लिए संतुलित भोजन का प्रयोग करना चाहिए और फास्ट फूड के प्रयोग से परहेज करना चाहिए जिससे वह और ज्यादा तंदरुस्त जीवन जी सकते हैं।
स. परगट सिंह ने मातृ भाषा पंजाबी की अहमीयत देने पर ज़ोर देते हुये कहा कि आज चीन, जापान जैसे मुल्कों ने अपने मातृ भाषा में ही तरक्की की है। बच्चा जो अपनी मातृभाषा में बढ़िया सीख सकता है, वह और किसी भाषा में नहीं। उन्होंने कहा कि पंजाबी में हर विषय का ज्ञान अनुवाद करके इसको डिजीटाईज़ड किया जाये।
शिक्षा मंत्री ने विद्यार्थियों को अच्छी ज़िंदगी जीने के हुनर से अवगत करवाया। उन्होंने विद्यार्थियों को सकारात्मक सोच वाला रवैया अपनाते हुए अच्छे गुणों के प्रेक्षक बनने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि यदि वह दृढ़ इरादे से मेहनत करते हैं तो वह कोई भी स्थान हासिल कर सकते हैं। जिंदगी में माता पिता के साथ-साथ अध्यापकों का रोल भी बहुत महत्वपूर्ण होता है, इसलिए विद्यार्थियों को जिंदगी में सफलता हासिल करवाने के लिए अध्यापक बहुत महत्वपूर्ण निभाते हैं।
परगट सिंह जो भारतीय हाकी टीम के पूर्व कप्तान भी हैं, ने अपने हाकी खेल के शुरुआती दिनों को याद करते हुये कहा कि कैसे 18 साल की उम्र में भारतीय टीम की तरफ से अपने पहले टूर के लिए नयी दिल्ली से जालंधर के पासपोर्ट लेने आधी रात को ट्रकों के द्वारा पहुंचे और फिर दोपहर तक वापस जाने के लिए जालंधर से मिट्ठापुर तक सात किलोमीटर दौड़ कर गए। उन्होंने कहा कि हाकी खेल ने उनको टीम भावना में खेलना सिखाया जिसके लिए जिंदगी के हर मंच पर टीम खेल में विश्वास रखते हैं जहां हर व्यक्ति की अपनी अहमीयत है।
इस मौके पर शिक्षा सचिव अजोए शर्मा ने कहा कि पढ़ाई का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों का सर्वपक्षीय विकास करना है, इसलिए पढ़ाई के साथ-साथ विद्यार्थियों को अच्छे किरदार भी अपनाना चाहिए। डायरैक्टर जनरल स्कूल शिक्षा प्रदीप अग्रवाल ने शिक्षा विभाग में पिछले समय में हुई नयी पहलकदमियों की सराहना की।
इस मौके पर डी.पी.आई. (सेकेंडरी शिक्षा) सुखजीत सिंह, एन.सी.ई.आर.टी. के डायरैक्टर जरनैल सिंह, डी.पी.आई. (एलिमेंट्री शिक्षा) हरिन्दर कौर, सहायक डायरैक्टर गुरजीत सिंह और बिन्दु गुलाटी, पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन योगराज सिंह, वाइस चेयरमैन वरिन्दर भाटिया, कंट्रोलर परीक्षाएं जनक राज महिरोक और सहायक सचिव गुरतेज सिंह भी उपस्थित थे।
Also See
Salesforce, the worlds #1 CRM, powered by AI technology and capabilities, today hosted India's first…
Lung cancer remains one of the most prevalent and deadly cancers globally, with approximately 2.2…
At Lord's Mark Industries Limited, led by Sachidanand Upadhyay, we are committed to fostering positive…
After the success of the first phase of 'The Missing Beat', a campaign aimed at…
Laid the foundation stone by Shri D. Sridhar Babu, Minister of IT, Electronics, Communications, Industries…
Chitkara University has earned a prominent place on the global academic stage, ranking 161st in…