हरियाणा पुलिस कर रही नेक काम एक साल में 2381 बिछड़े बच्चों को तलाश कर परिवार से मिलवाया !
Haryana Police Reunites 2381 Missing Children With Their Families
चंडीगढ़, 4 मार्च
हरियाणा पुलिस ने वर्ष 2019 के दौरान ऐसे 2,381 बच्चों को उनके परिवारों से मिलवाया है जो किसी न किसी वजह से अपने परिजनों से बिछड़ गए थे। इन लापता बच्चों में 1,150 लड़के और 1,231 लड़कियां शामिल हैं। इनमें से कुछ ऐसे बच्चे भी थे जो काफी लंबे समय से अपने परिजनों से बिछडे हुए थे।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) श्री मनोज यादव ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि अपने परिवार से बिछुड़े या घर से लापता हुए बच्चों का पता लगाकर उन्हें उनके घरवालों को सौंपने में भी पुलिस अहम भूमिका निभा रही है। 2019 में कुल मिलवाए गए बच्चों में से, 1,929 को जिला पुलिस टीमों द्वारा परिजनों से मिलवाया गया तथा 452 गुमषुदा बच्चों को राज्य अपराध शाखा की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग युनिट द्वारा परिजनों के सुपूर्द किया गया। इस नेक काम में जिला पुलिस के साथ-साथ एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग युनिट भी अहम योगदान दे रही है।
डीजीपी ने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लापता बच्चों का पता लगाकर उन्हे उनके परिवार से मिलवाना है ताकि बाल तस्करी को रोकने के साथ-साथ ऐसे बच्चों को भीख मांगने और अन्य असामाजिक गतिविधियों में धकेलने से बचाया जा सके।
इस अभियान के तहत, पुलिस की टीमें रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंड और धार्मिक स्थलों जैसे सार्वजनिक स्थानों व आश्रय गृह जैसी संस्थाओं पर जाकर ऐेसे बच्चों की तलाश करती हैं जो किसी कारण अपने माता-पिता व परिवार से अलग हो गए हों। उन्होंने कहा कि हमारी प्रशिक्षित कर्मियों की टीम बेहद गंभीरता से काम करते हुए लापता बच्चों की काउंस्लिंग कर आवश्यक जानकारी जुटाते हुए सभी औपचारिकताएं पूरी कर उन्हें उनके परिजनों से मिलवाती हैं।
हरियाणा पुलिस द्वारा महिला और बाल विकास विभाग, श्रम विभाग, बाल कल्याण परिषद और गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग से लापता बच्चों को फिर से परिवार से जोडने के लिए यह महत्वपूर्ण अभियान चलाया जा रहा है।
वर्ष वार आंकड़ों का ब्योरा देते हुए, डीजीपी ने कहा कि राज्य पुलिस ने वर्ष 2018 में 2409 लापता बच्चों को तलाष कर परिवार को सौंपा। इसी प्रकार, साल 2017 में 2,343 बच्चों, वर्ष 2016 में 2,123 और वर्ष 2015 में 2,287 बच्चों को फिर से घरवालों से मिलवाया। इसके अतिरिक्त, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग युनिट द्वारा वर्ष 2015 से 2019 तक कुल 9,417 बाल भिखारियों और 6,926 बाल श्रमिकों को भी छुडवाया गया।
