Haryana

भारत में थाईलैंड की राजदूत ने हरियाणा के मुख्यमंत्री से की मुलाकात हरियाणा और थाईलैंड के बीच द्विपक्षीय संबंधों

भारत में थाईलैंड की राजदूत ने हरियाणा के मुख्यमंत्री से की मुलाकात हरियाणा और थाईलैंड के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए हुई विस्तृत चर्चा भारत में थाईलैंड की राजदूत सुश्री पट्टारत होंगटोंग ने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश को लेकर दिखाई गहरी रुचि

चंडीगढ़, 21 सितंबर – भारत में थाईलैंड की राजदूत सुश्री पट्टारत होंगटोंग ने हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल से आज यहां उनके कार्यालय में मुलाकात कर थाईलैंड और हरियाणा के बीच व्यापार, खेल, शैक्षणिक, कृषि और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने की संभावनाओं पर चर्चा की।

बैठक के दौरान, सुश्री पट्टारत होंगटोंग ने मुख्यमंत्री के साथ हरियाणा और थाईलैंड के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को लेकर व्यापक चर्चा की। उन्होंने विशेष रूप से खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश की संभावनाएं तलाशने हेतु हरियाणा सरकार से सहयोग की मांग की।

सुश्री पट्टारत होंगटोंग ने कहा कि चूंकि हरियाणा में अधिक आर्थिक क्षमताएं हैं, इसलिए थाईलैंड और हरियाणा के बीच ऑटोमोबाइल, कृषि तथा विभिन्न क्षेत्रों में एक्सचेंज प्रोग्राम आयोजित किए जा सकते हैं।

सुश्री पट्टारत होंगटोंग ने भी थाईलैंड द्वारा उत्पादित उत्पादों के हरियाणा में निर्यात करने के लिए भी गहरी रुचि दिखाई। हरियाणा में निवेश को लेकर सुश्री पट्टारत होंगटोंग ने कहा कि थाईलैंड की प्रगति के लिए हरियाणा के साथ आर्थिक विकास और निवेश संबंधों को मजबूत करने की संभावनाओं का पता लगाया जाना चाहिए। भारत में थाईलैंड की राजदूत ने मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न फ्लैगशिप कार्यक्त्रमों और पहलों में भी दिलचस्पी दिखाई।

मुख्यमंत्री ने भारत में थाईलैंड की राजदूत को राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) योजना से अवगत कराया और कहा कि पीपीपी का उद्देश्य सरकार-नागरिक संबंधों में परिवर्तन लाना है। उन्होंने कहा कि पीपीपी के तहत एक प्रणाली बनाई गई है जिसमें प्रत्येक परिवार को एक इकाई के रूप में पहचाना जाएगा। राज्य सरकार योजना के तहत सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र नागरिकों को उनके घर द्वार पर उपलब्ध कराएगी।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार केवल बी टू बी (बिजनेस टू बिजनेस) या जी टू बी (गर्वमेंट टू बिजनेस) या जी टू जी (गर्वमेंट टू गर्वमेंट) संबंध तक सीमित नहीं हैं। हरियाणा गीता की भूमि है और हम एच टू एच संबंध में विश्वास करते हैं जो हार्ट टू हार्ट कनेक्ट है।

श्री मनोहर लाल ने कहा कि भारत और थाईलैंड के बीच सदियों पुराने सामाजिक और सांस्कृतिक संबंध हैं। उन्होंने उद्योग, निवेश और सांस्कृतिक संबंध स्थापित करने के मामले में राज्य सरकार से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा कई क्षेत्रों में देश में अग्रणी राज्य है। हरियाणा भारत में अग्रणी कृषि प्रधान राज्य होने के साथ-साथ कारों और अन्य ऑटोमोबाइल का सबसे बड़ा निर्माता भी है। हरियाणा कार/मोटर वाहनों के प्रमुख निर्यातकों में से एक है। राज्य देश में दो तिहाई यात्री कारों, 50 प्रतिशत ट्रैक्टरों और 60 प्रतिशत मोटरसाइकिलों का उत्पादन करता है, इसलिए इस क्षेत्र में हरियाणा और थाईलैंड के बीच निवेश संबंधों को मजबूत करने की संभावनाओं का पता लगाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा के धार्मिक पर्यटन की दृष्टि, जैसे कुरुक्षेत्र में ‘कृष्णा सर्किट’, यमुनानगर में ‘चेनेटी बौद्ध स्तूप’ में काफी संभावनाएं हैं, इसलिए इस क्षेत्र में भी द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को और बढ़ाया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में एशिया का सबसे बड़ा कृषि विश्वविद्यालय है, जो छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए मजबूत बुनियादी ढांचा प्रदान करता है, इसलिए दोनों प्रांतों के बीच फैकल्टी व स्टूडेंट एक्सेंज प्रोग्राम के माध्यम से शिक्षा क्षेत्र में सहयोग की संभवनाओं का पता लगाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा भारत में खेलों का हब है। खेल के क्षेत्र में हरियाणा द्वारा की गई उपलब्धियों की जानकारी देते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि हरियाणा की खेल नीति इतनी बेहतर है कि कई अन्य राज्य इसका अनुसरण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि टोक्यो ओलंपिक व पैरालंपिक 2020 में हरियाणा के खिलाडि़यों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और लगभग 40 प्रतिशत मेडल हरियाणा के खिलाडि़यों ने जीते हैं।

उन्होंने कहा कि हरियाणा देश के खाद्य उत्पादन में योगदान देने वाले प्रमुख राज्यों में से एक है और जैसा कि थाईलैंड को दुनिया की रसोई के रूप में जाना जाता है, इसलिए हम खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में थाई कंपनियों का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में और अधिक उद्योग स्थापित करने की संभावनाओं का पता लगया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने विदेश सहयोग विभाग स्थापित किया है, जो ‘गो-ग्लोबल एप्रोच’ के माध्यम से हरियाणा को ग्लोबल इकोनॉमी बनाने तथा हरियाणा को वैश्विक ब्रांड के रूप में स्थापित करने के लिए दुनिया भर में निवेशकों की पहचान करने के लिए निरंतर कार्यरत है।

बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री डी. एस. ढेसी, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा, विदेश सहयोग विभाग के प्रधान सचिव श्री योगेंद्र चौधरी, विदेश सहयोग विभाग के महानिदेशक श्री अनंत प्रकाश पांडे और विभाग के सलाहकार श्री पवन चौधरी उपस्थित थे।

क्रमांक-2021

गौरव

-राइट टू सर्विस एक्ट को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए मुख्य आयुक्त टी.सी. गुप्ता ने नूंह में की समीक्षा बैठक

चंडीगढ़, 21 सितंबर – हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग के मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता ने कहा कि सभी विभाग वर्ष 2020 तक की लंबित सेवाओं के मामलों का निपटान 31 अक्टूबर तक करना सुनिश्चित करें। साथ ही, नागरिकों को प्रदान की जाने वाली विभिन्न सेवाओं के मामले में रिजेक्शन रेट को भी कम से कम किया जाए।

श्री गुप्ता आज नूंह में सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत समीक्षा बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों तथा जिले के गणमान्य नागरिकों को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि फिलहाल सेवा का अधिकार अधिनियम के दायरे में 546 सेवाएं हैं और जल्द ही 10 अन्य सेवाओं को भी आरटीएस के दायरे में लाया जाएगा। इसी कड़ी में आयुष्मान भारत, प्रॉपर्टी आईडी, परिवार पहचान पत्र में संशोधन, सीवरेज कनेक्शन, खाद व फसल विविधिकरण से जुड़ी योजनाओं, मनरेगा, स्वामित्व योजना के तहत किए गए पंजीकरण में संशोधन, छात्रों को प्रदान की जाने वाली मार्कशीट, डिग्री व स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट तथा महिलाओं व बच्चों के टीकाकरण जैसी विभिन्न योजनाओं को सेवा का अधिकार अधिनियम में शामिल किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, जल्द ही एक कॉल सेंटर की स्थापना भी की जाएगी, जिसमें देरी के मामलों में आवेदक फोन करके अपनी शिकायत दर्ज करवा सकेंगे। नागरिक आरटीएससी-एचआरवाई डॉट जीओवी डॉट आईएन पर भी अपनी शिकायत आयोग को कर सकते हैं।

श्री टी.सी. गुप्ता ने निर्देश दिए कि सेवाओं के निपटान के मामले में विभागों का स्कोर 10 में से कम से कम 9.9 होना चाहिए। इसके अतिरिक्त नागरिकों से सेवाओं के संबंध में ली जाने वाली फीडबैक के मामले में भी 5 में से कम से कम 4 अंक होने चाहिए। यदि इन बिंदुओं पर किसी भी अधिकारी की लापरवाही पाई गई तो उन्हें समन भेजकर मुख्यालय बुलाया जाएगा। ऐसे मामलों में 20 हजार रुपये तक की पैनल्टी लग सकती है और यदि किसी अधिकारी पर 3 बार इस प्रकार की पैनल्टी लग जाती है तो उसे नौकरी से भी हाथ धोना पड़ सकता है। उन्होंने बताया कि अभी तक लापरवाही के मामलों में आयोग ने 250 अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं।

मुख्य आयुक्त श्री टी.सी. गुप्ता ने कहा कि फिलहाल 31 विभागों की 546 सेवाओं को आरटीएस में सूचीबद्ध किया गया है। इनमें से 277 सेवाएं ऑनलाइन हैं जबकि 85 सेवाएं ऑफलाइन प्रदान की जा रही हैं। इसके अलावा,184 सेवाएं अन्य पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि ऑफलाइन सेवाओं को भी जल्द ही ऑनलाइन कर सेवा का अधिकार अधिनियम के दायरे में लाया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी विभागों के अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि सरकार द्वारा आम नागरिकों को दी जा रही सभी सुविधाएं समयबद्ध ढंग से मिलें। साथ ही, समय पर मिल रही इन सुविधाओं से नागरिकों की संतुष्टि भी जरूरी है।

श्री टी.सी. गुप्ता ने कहा कि सेवाओं में जानबूझकर लापरवाही करने वाले अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए हाल ही में ऑटो अपील सिस्टम शुरू किया गया है। इसमें सेवाओं में देरी के मामलों में स्वयं ही अपील फाइल हो जाएगी। उन्होंने कहा कि आवेदनों को बिना किसी ठोस कारण के रद्द किये जाने पर भी कड़ा संज्ञान लिया जाएगा। बैठक में उन्होंने ऐसे अधिकारियों को कड़ी चेतावनी भी दी, जिनके पास लंबित आवेदनों की संख्या अधिक है। उन्होंने महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, बिजली, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण तथा श्रम विभाग के अधिकारियों को अपनी कार्य-शैली में सुधार के लिए निर्देश दिए, वहीं अच्छा कार्य करने पर बागवानी विभाग की सराहना भी की। इस अवसर पर मुख्य आयुक्त ने गणमान्य नागरिकों से भी सेवाओं के सम्बंध में फीडबैक ली।

इस अवसर पर फरीदाबाद मंडल के आयुक्त संजय जून, उपायुक्त कैप्टन शक्ति सिंह, सेवा का अधिकार आयोग की सचिव मीनाक्षी राज और अतिरिक्त आयुक्त सुभिता ढाका समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे। इस मौके पर डीसी कैप्टन शक्ति सिंह ने मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता को हेरीटेज ऑफ मेवात पुस्तक भी भेंट की।

क्रमांक-2021

संजय राठी

चण्डीगढ़, 21 सितंबर – अखिल भारतीय सिविल सेवा द्वारा वर्ष 2020-21 के लिए राष्ट्रीय स्तर की एथलेटिक्स चैम्पियनशिप 28 सितंबर से 30 सितंबर तक करनाल जिले में करवाई जायेगी।

इस संबंध में खेल एवं युवा मामले के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि अखिल भारतीय सिविल सेवाओं की एथलेटिक्स चैम्पियनशिप  (महिला/पुरूष) में हरियाणा की ओर से हिस्सा लेने वाले खिलाडियों के ट्रायल 24 सितंबर को कर्ण स्टेडियम, करनाल पर किया जायेगे। उन्होंने बताया कि सभी विभागों व कार्यलयों में कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों को चयन स्पर्धा के लिए प्रातः 9 बजे तक निर्धारित स्थान पर भाग लेने हेतु आना होगा। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय सिविल सेवा सांस्कृतिक एवं खेल बोर्ड की हिदायतों के अनुसार इस प्रतियोगिता में बोर्ड,कार्पोरेशन, पुलिस विभाग, बिजली बोर्ड तथा एच एस आई डी सी के  अधिकारी व कर्मचारी हिस्सा नहीं ले सकेंगे।

क्रमांक-2021

 

मुख्यमंत्री का ट्विटर हैंडल भी बना लोगो की पसंद ट्वीट करने पर यातायात नियमों का पालन न करने वाले कानून के रखवालो पर लिया संज्ञान पोस्ट करने वालो ने किया हृदय से किया धन्यवाद

चण्डीगढ़, 21 सितंबर- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल को ट्विटर हैंडल भी दिन-प्रतिदिन लोगों की पसंद बनता जा रहा है। ट्वीट करने पर मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा तत्काल संज्ञान लेने के फलस्वरूप लोग अपने रि-ट्विट में हृदय से धन्यवाद पोस्ट डाल रहे है।

मुख्यमंत्री के ओएसडी श्री भूपेश्वर दयाल ने बताया कि सितंबर माह में फरीदाबाद, गुरुग्राम, कैथल, महेंद्रगढ़ व फरीदाबाद जिलो से पांच और शिकायतें आईं। जिन पर तत्काल संज्ञान लेकर समाधान किया गया। उन्होने बताया कि फरीदाबाद से 2 सितंबर को मोबाइल नं 9654834935 से टिकट नं 3311829 के माध्यम से 12:22 बजे @tarunlakhani99 लिंक से ट्वीट किया गया की खट्टर साहब क्या इस गाड़ी HR-26-CW-5181 के खिलाफ कोई कार्यवाही होगी? गाड़ी किसी पुलिस के जवान की लगती है।

नम्बर प्लेट पर पुलिस का चिन्ह अंकित है। जब कानून के रखवाले ही कानून के खिलाफ काम करेंगे तो जनता क्या सीखेंगे?

उन्होने बताया कि मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा संज्ञान लिया गया तथा यातायात पुलिस फरीदाबाद को मुख्यमंत्री को किए गए ट्विट के बारे जानकारी दी गई। यातायात पुलिस द्वारा पुलिस ने कार्यवाही करते हुए सूचित किया की मोटर यान 1988 की धारा 43 के तहत नीलम फ्लाईओवर फरीदाबाद के पास गलत दिशा में चलते हुए वाहन का फोटो खींचकर 500 रुपये का ई-चालान गाड़ी संख्या HR-26-CW-5181 जो राकेश नागरवाल के नाम रजिस्टर्ड है उसके 29/2 फिरोज गांधी कॉलोनी नं 2, गुरुग्राम को भेज दिया गया।

ओएसडी ने बताया की 6 सितंबर को शिकायतकर्ता ने @cmohry, @FTPfbd, Police_haryana, @mlkhattar व @FBDPolice प्रातः 10.39 बजे अपने रि-ट्विट॒कि ‘‘यशपाल जी द्वारा दिए गए सहयोग के लिए आभार उन्होने ने अपने वादे अनुसार आज चालान की कॉपी भेज दी है आप सबके प्रयत्नों का हृदय से अभिनंदन, धन्यवाद जय हिन्द जय भारत।’’

इसी प्रकार, मोबाइल नम्बर-9416101916 से भिवानी से 14 सितंबर 2021 को रात्रि 8:50 बजे टिकट नम्बर 3338142 से @vikas_chandra लिंक से ट्विटर पर पोस्ट आया कि ‘‘चंद्रगिरी स्कूल के पास अवारा गौवंश और टूटी हुई सडक़े आम जनता के लिए खतरा बना हुआ है।’’

उन्होने बताया कि सीएम कार्यालय की संज्ञान पर नगर परिषद भिवानी ने समस्या का हल कर दिया। तत्परता से इस कार्यवाही पर उन्होने 15 सितंबर को 6:56 बजे अपने रि-ट्विट पर पोस्ट किया की ‘‘एक दिन के अंदर समाधान हो चुका है धन्यवाद।’’

उन्होने बताया कि कैथल व महेन्द्रगढ़ से आए ट्वीट पर पोस्ट का भी समाधान सीएमओ कार्यालय द्वारा करवा दिया गया है। उन्होने बताया कि इससे पहले सितंबर माह के दौरान यमुनानगर, पानीपत, सोनीपत, झज्जर व फरीदाबाद जिलो से मुख्यमंत्री के ट्विटर हैंडल पर पांच शिकायतें आई थी, जिनका समाधान किया गया।

क्रमांक-2021

सत्यव्रत/बीरु

 

गुरुकुलीय शिक्षा को लगेंगे पंख, केन्द्र से सीधे 18 गुरुकुलों के खाते में आएगी ग्रांट पुराने गुरुकुलों को मिलेगी संजीवनी, नयों के खुलने का मार्ग होगा प्रशस्त

चंडीगढ़, 21 सितंबर -हरियाणा सरकार द्वारा प्राचीन शिक्षा पद्धति के संवाहक रहे ‘गुरुकुलों’ की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए हरियाणा संस्कृत अकादमी के माध्यम से उठाए गए ठोस कदमों के फलस्वरूप प्रदेश में दम तोडऩे के कगार पर खड़े इन गुरुकुलों को अब शीघ्र ही केन्द्र से आर्थिक सहायता मिलनी शुरू हो जाएगी।

हरियाणा संस्कृत अकादमी के निदेशक डॉ. दिनेश शास्त्री ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा संस्कृत अकादमी को इन संस्थाओं में नई जान डालने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

उन्होंने कहा कि अकादमी ने इस जिम्मेदारी को शीघ्रता से निभाते हुए ग्रांट प्राप्त करने के लिए गुरुकुलों और संस्कृत संस्थानों के दस्तावेज केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में जमा करवा दिए हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही विश्वविद्यालय की टीम इन संस्थाओं का दौरा करेगी और इसके सकारात्मक परिणाम आने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि बिना किसी रूकावट के जल्द ही केंद्र से सीधे इनके खातों में राशि आना शुरू हो जाएगी।

संस्कृत अकादमी प्रदेश में संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए जमीनी स्तर पर काम कर रही है। प्रदेश सरकार का इसमें महत्वपूर्ण योगदान है। प्रत्येक जिले में संस्कृत के प्रति रचनात्मक और क्त्रियात्मक कार्य के लिए स्वयंसेवी जिला संयोजकों को जिम्मेदारी दी गई है जिसके लगातार आशातीत परिणाम आ रहे हैं। अकादमी द्वारा तकनीकी माध्यमों को अपनाते हुए संस्कृत का प्रचार-प्रसार आधुनिक तरीकों से किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की सोच है कि प्रदेश का हर बच्चा त्याग और समर्पण पर आधारित शिक्षा प्राप्त करे। अन्य विषयों के साथ-साथ उन्हें नैतिक मूल्यों, योग एवं देशभक्ति की शिक्षा प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि आज की चकाचौंध और भागदौड़ भरे जीवन में अग्रणी बने रहने के लिए लक्ष्य के प्रति एकाग्रता और संयम बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि बच्चों में संयम और एकाग्रता की नींव संस्कृत ही डाल सकती है।

उन्होंने बताया कि राज्य की संस्कृत संस्थाएं अब तक केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से प्राप्त होने वाली ग्रांट से वंचित थीं। प्रदेश सरकार द्वारा संस्थाओं को यह वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी संस्कृत अकादमी को सौंपे जाने पर इस दिशा में तेजी से कार्य किया गया। उन्होंने बताया कि ग्रांट प्राप्त करने के लिए प्रदेश की कुल 18 सम्बंधित संस्थाओं के आवेदन-पत्र सरकार से स्वीकृति प्राप्त कर केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में जमा करवा दिए गए हैं।

विश्वविद्यालय से मिलने वाली इस ग्रांट की मदद से बंद होने की कगार पर खड़ी  संस्कृत संस्थाएं अब पुनः कार्य करने लग जाएंगी। इससे भविष्य में और भी संस्कृत संस्थाएं खुलने का मार्ग प्रशस्त होगा।

भिवानी, जींद, रोहतक, गुरुग्राम, दादरी को सर्वाधिक लाभ

अकादमी के निदेशक डॉ. दिनेश शास्त्री ने बताया कि इस योजना के तहत भिवानी, जींद, रोहतक, गुरुग्राम एवं दादरी जिला की दो-दो संस्थाएं और कुरुक्षेत्र, झज्जर, सोनीपत, पानीपत, करनाल,अम्बाला, फरीदाबाद और पलवल की एक-एक संस्था लाभान्वित होंगी।

आचार्यों ,उप-आचार्यों के मानदेय की समस्या होगी हल

उन्होंने बताया कि उचित मार्गदर्शन के अभाव में गुरुकुल संचालक केंद्र की इस ग्रांट का फायदा नहीं उठा पा रहे थे। बहुत से गुरुकुल बन्द होने की कगार पर हैं। इस ग्रांट के सीधे उन तक पहुंचने पर सबसे पहले संस्थाएं योग्य आचार्य एवं उप-आचार्य नियुक्त कर उन्हें समुचित मानदेय दे सकेंगी।

क्रमांक-2021

निशि/सुमन

महर्षि वाल्मिकी संस्कृत विश्वविद्यालय ने घोषित किया आचार्य व शास्त्री का परीक्षा परिणाम

चण्डीगढ़, 21 सितंबर – महर्षि वाल्मिकी संस्कृत विश्वविद्यालय मूंदडी, जिला कैथल की ओर से सत्र 2020-21 के आचार्य, शास्त्री व डिप्लोमा की परीक्षाओं का परिणाम घोषित कर दिया गया है।

इस संबंध में जानकारी देते हुए प्रवक्ता ने बताया कि विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग की ओर से सत्र 2020-21 के आचार्य द्वितीय व चतुर्थ सत्र, शास्त्री द्वितीय व चतुर्थ सत्र, डिप्लोमा द्वितीय व चतुर्थ सत्र व रि-अपियर परीक्षाओं के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। छात्र विश्वविद्यालय की वैबसाइट www.mvsu.ac.in पर परिणाम देख सकते हैं।

क्रमांक-2021

 

चण्डीगढ़, 21 सितंबर – हरियाणा सरकार ने राज्य सरकार के कर्मचारियों/पेंशनरों व उनके आश्रितों के उपचार हेतू निजी अस्पताल की एम्पैनलमेंट सूची में हीलिंग अस्पताल एंड इस्टीटयूट ऑफ मैडीकल साईंसज, एससीओ 18-19, सबसिटी सेंटर, सैक्टर-34ए, चण्डीगढ को भी तीन वर्ष अर्थात 22 मई, 2020 से 21 मई, 2023 तक की अवधि के लिए सूचीबद्ध किया है।

यह जानकारी स्वास्थ्य सेवाएं के एक प्रवक्ता ने दी।

क्रमांक-2021

विनोद

कोरोना महामारी की तीसरी लहर से बचने के लिए वैक्सीन ही कारगर उपाय- डा. बनवारी लाल
इस माह वैक्सीन की एक करोड़ डोज खरीदेगी हरियाणा सरकार
चण्डीगढ, 21 सितंबर – हरियाणा के सहकारिता, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री डा. बनवारी लाल ने कहा कि कोरोना महामारी की तीसरी लहर से बचने के लिए वैक्सीनेशन ही एक मात्र सुरक्षित उपाय है। लोगों को चाहिए कि वे बिना किसी संकोच के वैक्सीन की दोनों डोज लगवाएं।

सहकारिता मंत्री डा. बनवारी लाल आज बावल में वैक्सीनेशन कैम्प का रिबन काटकर शुभारंभ करने उपरांत ग्रामीणों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लोगों को कोरोना का टीका लगवाने के लिए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल स्वयं सजग है, उनके नेतृत्व में हरियाणा सरकार ने इस माह एक करोड़ वैक्सीन खरीदने का निर्णय लिया है ताकि प्रदेश के सभी नागरिकों को जल्दी से जल्दी वैक्सीनेट किया जा सके।

मंत्री ने कहा कि वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। लोगों की मांग अनुरूप गांवों में वैक्सीनेश कैम्प लगाकर सभी नागरिकों को कोरोना वैक्सीन लगाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अपने आस-पास के लोगों को वैक्सीन के लिए प्रेरित करें ताकि सुरक्षा के इस चक्त्र से कोई भी व्यक्ति छूटने न पाएं।

सहकारिता मंत्री ने कहा कि क्षेत्र के विकास के लिए धन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि विकास का कार्य निरंतर चलता रहेगा।

जब मंत्री ने स्वयं लोगों को लगाई कोविड वैक्सीन

गांव प्राणपुरा में कुछ बुजुर्गो ने सहाकारिता मंत्री डा. बनवारी लाल से अनुरोध किया कि डाक्टर साहब हम तो आपके हाथ से ही वैक्सीन लगवाएंगे। बुजुर्गों के इस अनुरोध व प्यार को देखते हुए डा. बनवारी लाल वैक्सीन लगाने के लिए मान गए और उन्होंने स्वयं के हाथ से लोगों को वैक्सीन लगाई। उन्होंने महिलाओं से विशेष रूप से आह्वान किया कि वे वैक्सीन अवश्य लगवाएं, यदि कोई भी व्यक्ति गांव में वैक्सीन के सुरक्षा चक्त्र से छूट जाएगा तो यह सुरक्षा चक्त्र अधूरा रह जाएगा।

क्रमांक-2021
विनोद

 

चण्डीगढ़, 21 सितंबर – विश्वविद्यालयों व शिक्षण संस्थाओं के सहयोग से हरियाणा को पूरी तरह नारकोटिक्स अपराध मुक्त किया जा सकता है, इसलिए राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो राज्य के सरकारी व निजी क्षेत्र के विश्वविद्यालयों तथा शिक्षण संस्थाओं से जुड़कर मादक पदार्थों की तस्करी व अवैध प्रयोग को रोकने के लिए प्रभावी अभियान चलाएं। यह बात हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने मंगलवार को राजभवन में उनसे मिलने आए राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के ए.डी.जी.पी. श्रीकांत जाधव से बातचीत करते हुए कही । उन्होंने कहा कि ब्यूरो के अधिकारी शिक्षण संस्थाओं से समन्वय स्थापित कर ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में मादक निषेध के लिए युवाओं को जागृत करें। साथ ही नारकोटिक्स अपराध रोकने में जागरूकता हेतु युवाओं का भरपूर सहयोग लें। उन्होंने कहा कि इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन व शिक्षण संस्थाओं का प्रशासनिक ढांचा बेहद कारगर सिद्ध हो सकता है।

राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन अपने-अपने सूचना तंत्र, सोशल मीडिया तथा मीडिया के दूसरे साधनों जिनमें नाटक, रैलियों व स्किट आदि के माध्यम से मादक पदार्थों की तस्करी व अवैध प्रयोग को रोकने में बेहतर ढंग से कार्य कर सकते हैं। विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र शहरी, गांव व अन्य दूर दराज के क्षेत्रों में उपरोक्त माध्यमों से प्रभावी संदेश देकर लोगों में नशे के खिलाफ जागरूकता पैदा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि एन.सी.सी स्काउट्स तथा एन.एस.एस से जुड़े छात्र और महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इसके साथ-साथ रेडक्त्रास व अन्य सामाजिक, सरकारी व गैर-सरकारी संगठनों का भी सहयोग भी लिया जा सकता है।

राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के ए.डी.जी.पी. श्रीकांत जाधव ने बताया कि हरियाणा में केन्द्र की तर्ज पर राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो स्थापित किया गया है, जो राज्यों में देश का पहला राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो है। उन्होंने बताया कि पूरे हरियाणा राज्य में जिला स्तर पर 17 शाखाएं खोलने की योजना है। अभी तक 12 जिलों में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की शाखाओं की स्थापना की जा चुकी है। इन जिलों में हिसार, फतेहाबाद, करनाल, सिरसा, कैथल, अंबाला, पंचकूला, कुरूक्षेत्र, फरीदाबाद, रोहतक, गुरूग्राम व रेवाड़ी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में स्थापित शाखाओं को पूरी तरह एक्टिवेट कर दिया गया है जो सूचना के आधार पर प्रभावी रूप से कार्य कर रही हैं। उन्होंने बताया कि मादक पदार्थों से संबंधित सूचना देने के लिए मुख्यालय स्तर पर टोल फ्री नम्बर एवं मोबाईल नम्बर-9050891508 भी स्थापित किया गया है। उपनिरीक्षक स्तर के अधिकारी को टोल फ्री का इंचार्ज बनाया गया है जो संबंधित जिलों की यूनिटों को तुरंत सूचना देगा। कोई भी व्यक्ति टोल फ्री नम्बर पर सूचना दे सकता है। सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम पूरी तरह गुप्त रखा जाएगा।

श्री जाधव ने आगे बताया कि नारकोटिक्स मामलों पर शिकंजा कसने के लिए पंचायती राज संस्थाओं का सहयोग भी लिया जाएगा। ब्यूरो द्वारा सभी पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर गांव स्तर पर अभियान चलाए जाएंगे। इसके अलावा सरकारी व गैर सरकारी संगठनों का भी सहयोग लिया जाएगा। ‘‘प्रयास’’ नामक संस्था ने ब्यूरो के साथ मिलकर काम करना शुरू कर दिया है।

उन्होंने बताया कि राज्य के कई जिलों में अभी तक केमिस्ट ऐसोसिएशनों व मेडिकल अधिकारियों तथा स्वयंसेवी संगठनों के साथ बैठक भी की जा चुकी है और सभी से कहा गया है कि वे मादक पदार्थों से सम्बन्धित किसी भी प्रकार की तस्करी व अवैध प्रयोग में ब्यूरो का सहयोग करें ताकि हरियाणा को पूरी तरह नशा मुक्त बनाया जा सके।

क्रमांक-2021

चंडीगढ़, 21 सितंबर – हरियाणा सरकार निर्यात को बढ़ावा देने के लिए राज्य में ‘एक्सपोर्ट प्रोमोशन ब्यूरो’ की स्थापना करेगी, जो निर्यातको को संस्थागत सहयोग देगा।

हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के महानिदेशक डा. साकेत कुमार ने यह जानकारी आज गुरूग्राम में आयोजित किए जा रहे दो दिवसीय ‘वाणिज्य उत्सव’ के शुभारंभ अवसर पर दी। यह राज्य स्तरीय वाणिज्य उत्सव प्रदेश के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग तथा केंद्र सरकार के वस्त्र मंत्रालय के अधीन कार्यरत अपैरल एक्सपोर्ट प्रोमोशन काउंसिल द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत आयोजित किया जा रहा है।

इस मौके पर उपस्थित निर्यातको को हरियाणा आने का न्यौता देते हुए डा. साकेत कुमार ने कहा कि हरियाणा में उद्यमियों और निर्यातकों को न केवल इंसेन्टिव दिए जा रहे हैं बल्कि बिजनेस का माहौल, लिंकेज तथा अन्य सरकारी सुविधाएं भी दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर जिले में निर्यात को सुगम बनाने के लिए जिला स्तरीय एक्सपोर्ट प्रोमोशन कमेटी (डीएलईपीसी) बनाई गई हैं। इसी प्रकार सभी प्रकार के टे्रड संबंधी विषयों जैसे लॉजिस्टिक्स, कृषि संबंधी निर्यात और सर्विस एक्सपोर्ट्स की समीक्षा के लिए राज्य स्तर पर भी टे्रड प्रोमोशन कमेटी बनाई गई हैं।

उन्होंने एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से हरियाणा में उद्यमियों तथा निर्यातकों को दी जा रही सुविधाओं व इंसेंटिव के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2020-21 में 1,74,572 करोड़ की एक्सपोर्ट वैल्यू के साथ हरियाणा तेजी से बढ़ती इकोनोमी है। उन्होंने यह भी बताया कि हरियाणा से यूएसए, सऊदी अरेबिया, यूके, जर्मनी, नेपाल आदि को निर्यात किया जा रहा है। प्रदेश के मुख्य निर्यातक जिलों में गुरूग्राम, पानीपत, करनाल, सोनीपत और फरीदाबाद शामिल हैं। इन जिलों से मुख्य रूप से चावल, रेडीमेड गारमेंट, हैंडलूम व हैंडिक्त्राफट, ऑटोमोबाइल व उसके कंपोनेंट, मैटल वेयर, मशीनरी व पुर्जे तथा दवा व फार्मास्युटिकल प्रोडक्ट निर्यात किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का विजन भारत को एक निर्यात-उन्मुखी इकोनोमी बनाना है।

डा. साकेत ने कार्यक्त्रम में उपस्थित निर्यातकों से मुखातिब होते हुए आशा जताई कि आप जैसे निर्यातकों के सहयोग से प्रधानमंत्री का यह विजन अवश्य पूरा होगा।

इससे पहले उन्होंने विभिन्न औद्योगिक तथा निर्यातक इकाइयों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का उदघाटन किया और बाद में अवलोकन भी किया।

वाणिज्य मंत्रालय से डायरेक्टर जनरल फोरन ट्रेड (डीजीएफटी) निदेशक श्री अभिमन्यु शर्मा ने बताया कि भारत की 75 वर्षों की आर्थिक उन्नति को प्रदर्शित करने के लिए देश के सभी 739 जिलों में 21 से 26 सितंबर तक वाणिज्य सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत यह आयोजन हो रहा है और हरियाणा में गुरूग्राम में यह दो दिन का राज्य स्तरीय कार्यक्त्रम रखा गया है। श्री शर्मा ने भी हरियाणा की उद्यम तथा रोजगार नीति-2020 की सराहना करते हुए कहा कि यहां पर उद्योगों को फलने-फूलने के लिए अच्छा वातावरण उपलब्ध करवाया जा रहा है।

क्रमांक-2021

जंगबीर सिंह

 

राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में 30 सितम्बर तक कर सकते है आनलाइन आवेदन

चण्डीगढ़, 21 सितंबर – हरियाणा के सभी राजकीय एवं निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में सत्र 2021-22 के लिए विभिन्न इंजीनियरिंग और गैर-इंजीनियरिंग कोर्सों में दाखिले हेतु आवेदन मांगे गए है। ऑनलाइन आवेदन विभागीय वेबसाइट itiharyanaadmmissions.nic.in पर 30 सितंबर 2021 तक स्वीकार किए जाएंगे।

इस संबंध में जानकारी देते हुए प्रवक्ता ने बताया कि दाखिले से संबंधित दिशा-निर्देशों के लिए विवरण पत्रिका, संस्थानों की सूची एवं दाखिले के लिए उपलब्ध संस्थानवार सीटों बारे सूचना विभागीय वेबसाइट itiharyanaadmmissions.nic.in पर उपलब्ध है। विभिन्न दाखिला चरणों हेतु मेरिट एवं सीट अलॉटमेंट बारे सूचना विभागीय वेबसाइट पर 25 सितंबर 2021 से उपलब्ध होगी। प्रार्थियों को शैक्षणिक योग्यता, आरक्षण एवं स्थाई निवास से संबंधित मूल प्रमाण पत्रों की स्केन प्रतियां दाखिला फॉर्म के साथ ही अपलोड करनी होंगी। उन्होंने बताया कि दाखिले के इच्छुक प्रार्थी के पास अपना ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर, परिवार पहचान पत्र एवं आधार नंबर होना अनिवार्य है तथा ऐसे प्रार्थी ही आवेदन के पात्र होंगे।

क्रमांक-2021

 

हरियाणा पुलिस 10 साल पुराने डीजल व 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों के इस्तेमाल के खिलाफ जागरूकता/प्रवर्तन अभियान शुरू करेगी
सुप्रीम कोर्ट ने एनसीआर क्षेत्र में ऐसे वाहनों पर लगाया प्रतिबंध हरियाणा के 14 जिले आते हैं एनसीआर में कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने पर ऐसे वाहन हो सकते हैं जब्त
चंडीगढ़ 21 सितंबर – राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 10 साल पुराने डीजल व 15 साल पुराने पैट्रोल इंजन वाहनों के संचालन पर लगाई गई पाबंदी के मद्देनजर हरियाणा पुलिस प्रदेश के एनसीआर में पड़ने वाले सभी 14 जिलों में सड़कों पर पुराने वाहनों के संचालन संबंधी विशेष जागरूकता/प्रवर्तन अभियान चलाएगी।

हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने आज यहां इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि वायु प्रदूषण को रोकने के लिए माननीय उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में पुराने वाहनों के चलने पर प्रतिबंध लगाया गया है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से निर्धारित समय अवधि पूरी करने वाले पुराने वाहनों के संचालन को लेकर भी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। कोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आने वाले हरियाणा के 14 जिलों में इस तरह के वाहन नहीं चल सकते हैं। इन आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए पुलिस चालकों/मालिकों को पुराने वाहनों के चलने पर पाबंदी बारे जागरूक करेगी।

दिशानिर्देशों के अनुसार, 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को एनसीआर क्षेत्र यानी हरियाणा के 14 जिलों फरीदाबाद, गुरुग्राम, नूंह, रोहतक, सोनीपत, रेवाड़ी, झज्जर, पानीपत, पलवल, भिवानी, दादरी, महेंद्रगढ़, जींद और करनाल में सड़कों पर चलने की अनुमति नहीं है।

उन्होंने कहा कि इन जिलों में इस तरह के वाहनों के चलने पर रोक लगाने के दिशा-निर्देशों के बारे में वाहन चालकों व मालिकों के साथ-साथ आम जनता को भी जागरूक किया जाएगा।

जागरूकता अभियान के तहत ऐसे वाहनों के मालिकों को सरकार की नीति के अनुसार इस श्रेणी के वाहनों को स्क्त्रैप करने की भी सलाह दी जाएगी। निर्धारित समय अवधि पूरी करने वाले वाहनों के संबंध में पुलिस की विभिन्न टीमें टैक्सी स्टैंड, ऑटो बाजार, ट्रक यूनियन, वाहन बिक्त्री केंद्र और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर जाकर लोगों को इस संबंध में सूचित करेंगी।

इसके साथ ही, प्रवर्तन अभियान शुरू किया जाएगा और उपरोक्त मानदंडों का उल्लंघन करने वाले वाहनों को जब्त कर लिया जाएगा।

प्रवक्ता ने आम जनता से भी अपील करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट तथा एनजीटी के निर्देशों का पालन करते हुए निर्धारित समय अवधि पूरी कर चुके पुराने वाहनों को न चलाएं।

क्रमांक-2021

 

चंडीगढ़, 21 सितंबर- हरियाणा सरकार द्वारा ‘हरियाणा टैक्स ट्रिब्यूनल’ में एक चेयरमैन व तीन सदस्यों के रिक्त पदों को भरा जाएगा।

इस बारे में जानकारी देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि ट्रिब्यूनल में चेयरमैन के पद पर नियुक्ति पाने वाले व्यक्ति का कार्यकाल नियुक्ति से तीन वर्ष तक या आवेदक की आयु 68 वर्ष ,जो भी पहले हो, होने तक रहेगा। इसके अलावा राज्य सरकार उस व्यक्ति का तीन वर्ष का कार्यकाल बढ़ा सकती है या फिर उसकी आयु 68 वर्ष होने तक नियुक्त कर सकती है।

प्रवक्ता ने आगे बताया कि ट्रिब्यूनल में सदस्य के तौर पर नियुक्ति पाने वाले व्यक्ति का कार्यकाल नियुक्ति से तीन वर्ष तक या आयु 65 वर्ष ,जो भी पहले हो, होने तक रहेगा।

उन्होंने बताया कि इच्छुक एवं पात्र व्यक्ति विभाग की वैबसाइट www.haryanatax.gov.in पर उपलब्ध प्रोफार्मा को डाऊनलोड करके पूर्ण रूप से भरकर आबकारी एवं कराधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को भेजना होगा।

क्रमांक-2021

जंगबीर सिंह

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