चंडीगढ़,15 सितंबर : हरियाणा सरकार द्वारा दिव्यांग व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने , आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए ‘हरियाणा दिव्यांग व्यक्ति पेंशन योजना’ चलाई जा रही है ।
सामाजिक न्याय एवम् अधिकारिता विभाग द्वारा चलाई जा रही इस योजना का उद्देश्य ऐसे दिव्यांगो को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है जो स्वयं जीवनयापन करने में असमर्थ हैं और जिन्हें इसके लिए राज्य से वित्तीय सहायता की आवश्यकता है । वर्तमान में प्रदेश सरकार द्वारा दिव्यांगों को योजना के नियमों में निर्धारित पात्रता मानदंड के अनुसार ₹2500 तक मासिक पेंशन के रूप में दिए जा रहे हैं।
कौन है पात्र
इस योजना के अंतर्गत हरियाणा प्रदेश के ऐसे डोमिसाइल धारक दिव्यांग पात्र हैं, जिनकी आयु 18 वर्ष या उससे अधिक है तथा वह आवेदन जमा करते समय 3 वर्षों से हरियाणा में ही रहें हों । आवेदक की सभी माध्यमों से आय श्रम विभाग द्वारा अकुशल श्रम की अधिसूचित न्यूनतम मजदूरी से अधिक नहीं होनी चाहिए ।
इस योजना के अंतर्गत न्यून्तम 60 प्रतिशत अंधापन ,कम दृष्टि ,कुष्ठ रोग (ठीक हो चुके व्यक्ति ),सुनने में परेशानी , लोको मोटर विकलांगता , मानसिक मंदता और मानसिक बीमारी से ग्रस्त दिव्यांग व्यक्ति पात्र हैं। योजना से जुडऩे के लिए न्यूनतम 60 प्रतिशत तक दिव्यांग होने का सर्टिफिकेट अनिवार्य है।
कौन नहीं कर सकते आवेदन
वृद्धा पेंशन योजना या विधवा पेंशन योजना का लाभ प्राप्त कर रहे दिव्यांग , ऐसे दिव्यांग जो किसी सरकारी पद पर कार्यरत हैं या जिनके पास तीन पहिया या चार पहिया वाहन है वह इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते।
आवेदन प्रक्रिया
हरियाणा दिव्यांग पेंशन योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक ई -दिशा सेंटर और अटल सेवा केंद्र पर जाकर आवेदन कर सकते हैं । इस योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को हर महीने जोड़ा जाता है।
क्रमांक- 2021
शालू शर्माचंडीगढ़, 15 सितंबर-हरियाणा सरकार के अंतर्गत आने वाले बोर्ड, निगम व स्वायत्त निकायों की नौकरियों के लिए होने वाली भर्तियों में अनुचित साधन का प्रयोग करने वालों की अब खैर नहीं। राज्य सरकार ने ‘हरियाणा लोक परीक्षा(अनुचित साधन निवारण) अधिनियम, 2021’ को अधिसूचित कर दिया है।
एक सरकारी प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उक्त अधिनियम के अनुसार यदि कोई परीक्षार्थी इस अधिनियम के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन करता है या प्रयास करता है या उल्लंघन करने के लिए उकसाता है, तो उसे दो साल तक के कारावास और पांच हजार रुपये तक के जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।
इसी प्रकार, यदि कोई व्यक्ति निरीक्षण दल के किसी सदस्य, पर्यवेक्षी कर्मचारी, परीक्षा प्राधिकारी, अधिकारी या परीक्षा प्राधिकारी द्वारा नियुक्त कर्मचारी को ड्यूटी करने के लिए या किसी परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने से रोकता है या धमकी देता है, तो उसे दो वर्ष तक कैद और पांच हजार रूपए तक का जुर्माना हो सकेगा।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि यदि किसी व्यक्ति को सार्वजनिक परीक्षा आयोजित करने की जिम्मेवारी सौंपी गई है और वह इस अधिनियम के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन करने का प्रयास करता है या उल्लंघन करने के लिए उकसाता है, तो उसे सात साल तक का कारावास हो सकता है और साथ में जुर्माना लगाया जा सकता है,जो एक लाख रुपए से कम नहीं होगा और तीन लाख रुपए से अधिक नहीं होगा।
उन्होंने यह भी बताया कि यदि कोई व्यक्ति संगठित अपराध में परीक्षा प्राधिकरण के साथ साजिश में शामिल है या अनुचित साधनों में लिप्त होने का प्रयास करता है या इस अधिनियम के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन करने के लिए उकसाता है, तो उसे सात साल से लेकर दस साल तक कैद हो सकती है। इसके साथ ही जुर्माना भी लगाया जाएगा,जो दस लाख रुपए से कम नहीं होगा।
क्रमांक-2021
जंगबीर सिंह
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