हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि परिवार पहचान पत्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है
चंडीगढ़, 15 सितंबर। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि परिवार पहचान पत्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। इसके माध्यम से हर पात्र परिवार को सभी सरकारी योजनाओं व सेवाओं का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार अंत्योदय की भावना से यह योजना लेकर आई है, इसलिए सभी विभागाध्यक्ष 1 नवंबर तक अपने-अपने विभागों की स्कीमों व सेवाओं को इस योजना से जोडऩा सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री बुधवार को यहां संबंधित विभागाध्यक्षों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि परिवार पहचान पत्र बनाने की ऐसी योजना बनाने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है। अभी तक इस योजना को देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी शुरू नहीं किया गया है । यह सरकार की फ्लैगशिप योजना है, जिससे सरकार उन पात्र परिवारों तक पहुंचेगी जो सरकारी योजना का लाभ पाने के असल हकदार हैं और उन्होंने अभी तक उनका लाभ नहीं लिया है।
एडमिशन में पीपीपी लागू होते ही मिला तत्काल लाभ
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने परिवार पहचान पत्र योजना के लाभ का जिक्र करते हुए कहा कि कॉलेज एडमिशन में पीपीपी को जोडऩे का तत्काल लाभ मिला है। इसकी सराहना खुद कॉलेजों के प्रिंसिपल कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि एडमिशन से पीपीपी को जोडऩे के बाद विद्यार्थियों का डाटा ऑटोमेटिक वेरिफाई हो गया। इससे 15 मिनट का काम महज 5 मिनट में पूरा हो गया और विद्यार्थियों को वेरिफिकेशन के लिए इधर-उधर नही भटकना पड़ा।
आईटी युग में सेवाओं का सरलीकरण
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्तमान दौर सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) का है। इससे सेवाओं का सरलीकरण किया जा रहा है। पीपीपी के शुरू होने से यह आसानी से पता चल जाएगा कि कौन व्यक्ति या परिवार किस योजना का लाभ लेने का पात्र है और किसे इन योजनाओं का लाभ नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि कई दफा ऐसे लोग योजनाओं का लाभ ले रहे होते हैं जो उसके असल हकदार नहीं होते। इसके अलावा कई व्यक्ति कई-कई बार योजनाओं का लाभ ले रहे होते हैं। इससे पहले योजनाओं के लाभार्थियों को वेरिफाई करने का कोई सिस्टम नहीं था। पीपीपी के माध्यम से सरकारी योजनाओं के क्रियान्वन में पूर्ण पारदर्शिता आ रही है।
स्मार्टकार्ड के माध्यम से मिलेगा योजनाओं का लाभ
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ अब स्मार्टकार्ड से भी मिलेगा। स्मार्टकार्ड को पीपीपी से जोड़ा जाएगा। शुरूआत में आयुष्मान भारत, सार्वजनिक राशन वितरण प्रणाली, मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना और पेंशन स्कीम को स्मार्ट कार्ड से जोड़ा जा रहा है।
हरियाणा वॉलंटियर प्रोग्राम होगा लॉन्च
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा वॉलंटियर प्रोग्राम के तहत लगभग स्वेच्छा से कार्य करने वाले लोगों को जोड़ा जाएगा। सरकार के जिम्मे बहुत से काम होते हैं, ऐसे में वॉलंटियर के तौर पर युवकों, रिटायर्ड कर्मचारियों, छात्रों की शिक्षा, स्किल डेवलेपमेंट, खेल, कृषि आदि क्षेत्रों में सेवाएं ली जाएंगी। उन्होंने कहा कि समाज की भागीदारी के बिना कोई भी कार्यक्रम या योजना सफल नहीं होती, एनजीओ व वॉलंटियर आदि के माध्यम से उनके सार्थक परिणाम निकलते हैं। उन्होंने कहा कि इस समर्पण योजना को पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्मदिवस पर लॉन्च किया जाएगा।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री के निर्देश पर तैयार इंजीनियरिंग वर्कस पोर्टल से जुड़ी पीपीटी भी दिखाई गई। जिसके तहत कॉन्ट्रैक्टर के रजिस्ट्रेशन, उसकी परफॉर्मेंस, आनलाइन वक्र्स अलाटमेंट, टाइम बाउंड पासिंग से जुड़े सभी कार्य पारदर्शी तरीके से होंगे। इस बैठक में मुख्य सचिव श्री विजय वर्धन, मुख्य प्रधान सचिव श्री डीएस ढेसी, एसीएस श्री संजीव कौशल, श्री वीरेंद्र सिंह कुंडू, श्री पीके दास, श्री आलोक निगम, श्री देवेंद्र सिंह, श्री अमित झा, श्री राजीव अरोड़ा, श्री टीवीएसएन प्रसाद, श्री सुमिता मिश्रा, प्रधान सचिव एके सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी.उमाशंकर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. अमित अग्रवाल सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
क्रमांक:2021
राजेश/मनोज
उन्होंने बताया कि गत 11 सितंबर, 2021 को जिला पलवल के चिल्ली और चिल्ला गांवों में पांच बच्चों की बुखार से होने वाली संदिग्ध मौतों की सूचना जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को प्राप्त हुई थी । इस संबंध में जमीनी स्थिति का आंकलन करने के लिए जिला रैपिड रिस्पांस टीम को सिविल सर्जन, पलवल द्वारा सक्रिय करते हुए प्रभावित क्षेत्र में भेजा गया था। डब्ल्यूएचओ प्रतिनिधि के समन्वय के साथ प्रभावित गांवों की महामारी विज्ञान जांच का आदेश दिया गया। उन्होंने बताया कि गांव चिल्ली व चिल्ला की कुल आबादी क्रमशः 2947 और 763 है, जिसमें कुल हाउसहोल्ड 186 और 72 हैं। यह घटना 9 सितंबर, 2021 को शुरू हुई।
श्री अरोड़ा ने बताया कि सिविल सर्जन, पलवल द्वारा दी गई रिपोर्टस के अनुसार 14 सितंबर, 2021 तक कुल 7 मौतों में से दो मौते पांच साल से नीचे के बच्चों की तथा 5 मौते पांच साल से अधिक आयु के बच्चों की हुई हैं ।
इसी प्रकार, राजीव अरोड़ा ने बताया कि चल रही महामारी विज्ञान जांच के अनुसार स्वास्थ्य टीमों द्वारा घर-घर जाकर बुखार के मामलों की जांच व निरीक्षण किया जा रहा है और कल तक कुल 1089 घरों का निरीक्षण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि प्रभावित क्षेत्र में फॉगिंग, जल निकायों की जांच इत्यादि जैसी सभी एंटीलारवल गतिविधियां जारी हैं। उन्होंने बताया कि पेयजल की पाइप लाइन में कुछ लीकेज भी पाए गए हैं और जनस्वास्थ्य अधिकारियों को इसे जल्द से जल्द ठीक कराने के निर्देश भी दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि अस्थाई चिकित्सा शिविर क्षेत्र में ही स्थापित किया गया है और मामलों का लक्षण के अनुसार इलाज किया जा रहा है और गंभीरता के अनुसार संदर्भित भी किया जा रहा है।
इस बीच, क्षेत्र के प्रयोगशाला निष्कर्षों के अनुसार 175 मलेरिया ब्लड स्लाइड की सभी नकारात्मक रिपोर्ट आई, 250 आरडीटी मलेरिया परीक्षण रिपोर्ट की नकारात्मक रिपोर्ट, गैर-प्रतिक्रियाशील 12 डेंगू एलिसा नमूने, 64 आरटीपीसीआर कोविड-19 परीक्षणों की नकारात्मक रिपोर्ट और 50 कोविड-19 एंटीजन परीक्षण की नेगेटिव रिपोर्ट है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि हालांकि इन बच्चों की मृत्यु के अंतिम कारणों पर केवल महामारी विज्ञान की जांच पूरी होने के बाद ही टिप्पणी की जा सकती है, लेकिन प्रथम दृष्टया, प्रकोप का संभावित कारण अस्वच्छ स्थितियां और पीने के पानी के अवैध पाइप कनेक्शन हो सकते हैं, जिसके कारण पीने के पानी का दूषित होना हो सकता है। उन्होंने बताया कि नल्हड मेडिकल कालेज के रिकॉर्ड के अनुसार कुछ मौतों का कारण निमोनिया और गैस्ट्रोएंटेराइटिस हो सकता है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग प्रभावित क्षेत्र में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है और आज की तारीख में स्थिति नियंत्रण में है। श्री अरोड़ा ने कहा कि हम स्थिति पर कड़ी निगरानी भी रख रहे हैं।
क्रमंाक-2021
विनोद
सामाजिक न्याय एवम् अधिकारिता विभाग द्वारा चलाई जा रही इस योजना का उद्देश्य ऐसे दिव्यांगो को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है जो स्वयं जीवनयापन करने में असमर्थ हैं और जिन्हें इसके लिए राज्य से वित्तीय सहायता की आवश्यकता है । वर्तमान में प्रदेश सरकार द्वारा दिव्यांगों को योजना के नियमों में निर्धारित पात्रता मानदंड के अनुसार ₹2500 तक मासिक पेंशन के रूप में दिए जा रहे हैं।
कौन है पात्र
इस योजना के अंतर्गत हरियाणा प्रदेश के ऐसे डोमिसाइल धारक दिव्यांग पात्र हैं, जिनकी आयु 18 वर्ष या उससे अधिक है तथा वह आवेदन जमा करते समय 3 वर्षों से हरियाणा में ही रहें हों । आवेदक की सभी माध्यमों से आय श्रम विभाग द्वारा अकुशल श्रम की अधिसूचित न्यूनतम मजदूरी से अधिक नहीं होनी चाहिए ।
इस योजना के अंतर्गत न्यून्तम 60 प्रतिशत अंधापन ,कम दृष्टि ,कुष्ठ रोग (ठीक हो चुके व्यक्ति ),सुनने में परेशानी , लोको मोटर विकलांगता , मानसिक मंदता और मानसिक बीमारी से ग्रस्त दिव्यांग व्यक्ति पात्र हैं। योजना से जुडऩे के लिए न्यूनतम 60 प्रतिशत तक दिव्यांग होने का सर्टिफिकेट अनिवार्य है।
कौन नहीं कर सकते आवेदन
वृद्धा पेंशन योजना या विधवा पेंशन योजना का लाभ प्राप्त कर रहे दिव्यांग , ऐसे दिव्यांग जो किसी सरकारी पद पर कार्यरत हैं या जिनके पास तीन पहिया या चार पहिया वाहन है वह इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते।
हरियाणा दिव्यांग पेंशन योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक ई -दिशा सेंटर और अटल सेवा केंद्र पर जाकर आवेदन कर सकते हैं । इस योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को हर महीने जोड़ा जाता है।
क्रमांक- 2021
शालू शर्माचंडीगढ़, 15 सितंबर-हरियाणा सरकार के अंतर्गत आने वाले बोर्ड, निगम व स्वायत्त निकायों की नौकरियों के लिए होने वाली भर्तियों में अनुचित साधन का प्रयोग करने वालों की अब खैर नहीं। राज्य सरकार ने ‘हरियाणा लोक परीक्षा(अनुचित साधन निवारण) अधिनियम, 2021’ को अधिसूचित कर दिया है।
एक सरकारी प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उक्त अधिनियम के अनुसार यदि कोई परीक्षार्थी इस अधिनियम के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन करता है या प्रयास करता है या उल्लंघन करने के लिए उकसाता है, तो उसे दो साल तक के कारावास और पांच हजार रुपये तक के जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।
इसी प्रकार, यदि कोई व्यक्ति निरीक्षण दल के किसी सदस्य, पर्यवेक्षी कर्मचारी, परीक्षा प्राधिकारी, अधिकारी या परीक्षा प्राधिकारी द्वारा नियुक्त कर्मचारी को ड्यूटी करने के लिए या किसी परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने से रोकता है या धमकी देता है, तो उसे दो वर्ष तक कैद और पांच हजार रूपए तक का जुर्माना हो सकेगा।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि यदि किसी व्यक्ति को सार्वजनिक परीक्षा आयोजित करने की जिम्मेवारी सौंपी गई है और वह इस अधिनियम के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन करने का प्रयास करता है या उल्लंघन करने के लिए उकसाता है, तो उसे सात साल तक का कारावास हो सकता है और साथ में जुर्माना लगाया जा सकता है,जो एक लाख रुपए से कम नहीं होगा और तीन लाख रुपए से अधिक नहीं होगा।
उन्होंने यह भी बताया कि यदि कोई व्यक्ति संगठित अपराध में परीक्षा प्राधिकरण के साथ साजिश में शामिल है या अनुचित साधनों में लिप्त होने का प्रयास करता है या इस अधिनियम के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन करने के लिए उकसाता है, तो उसे सात साल से लेकर दस साल तक कैद हो सकती है। इसके साथ ही जुर्माना भी लगाया जाएगा,जो दस लाख रुपए से कम नहीं होगा।
क्रमांक-2021
जंगबीर सिंह