उन्होंने कहा की वास्तु के 18 उपदेष्टाओं में श्री विश्वकर्मा को प्रमुख माना गया है। विष्णुपुराण के पहले अंश में श्री विश्वकर्मा को देवताओं का वर्धकी व शिल्पावतार माना गया है। यही मान्यता अनेक पुराणों में भी आई हैं और शिल्प के अन्य ग्रन्थों में उन्हें सृजनकर्ता भी कहा गया है।
श्री दत्तात्रेय के अनुसार श्री विश्वकर्मा जी शिल्प के इतने ज्ञाता थे कि जल पर चल सकने योग्य खड़ाऊ तैयार करने में भी समर्थ थे। आज पूरा देश ऐसे युगपुरूष शिल्पावतार को नमन कर रहा है।
उन्होंने कहा कि श्री विश्वकर्मा जी ने ही भारत में टैक्नोलोजी और अभियान्त्रिकी (इंजिनियरिंग) तथा कौशलता के प्रयोग के बारे में बताया और विकास में प्रयोग होने वाले औजारों का निर्माण कर विश्व को सृजनता और कौशलता का ज्ञान दिया। हमारे देश में मानव स्वास्थ्य के लिए शल्य चिकित्सा से लेकर उद्योग निर्माण, बड़े शहरों को खड़ा करने में अभियान्त्रिकी व टैक्नोलोजी का ही योगदान है। जो श्री विश्वकर्मा की ही देन है।
उन्होंने कहा कि आज हमें श्री विश्वकर्मा की सृजन एवं कौशल कला को विकसित करने की नितांत आवश्यकता है। गांव स्तर पर छोटे कुटीर उद्योग स्थापित कर युवा पीढ़ी में कौशलता की शिक्षा को बढ़ावा देना होगा। छोटे व्यवसायों को बढ़ावा देना होगा। आज देश में 94 प्रतिशत श्रृम शक्ति अकुशल है। आज हमें कौशलता पर बल देकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को उनके रूचिकर कार्यों में कुशल बनाना होगा।
श्री दत्तात्रेय ने कहा कि देश में कुशल कारीगर होने से गांव स्तर पर होने वाले लौहार, वैल्डर, बढ़ई, कॉब्लर, राज मिस्त्री और कुम्हार से सम्बन्धित व्यवसाय स्थापित होंगे और देश आत्मनिर्भरता की दिशा में और आगे बढ़ पाएगा। जिससे हर घर में काम होगा तथा घर-घर का उत्पाद वोकल बनेगा।
श्री दत्तात्रेय ने कहा कि वर्तमान में प्रधानमंत्री जी ने स्किल इंडिया और स्टार्टअप जैसी कई योजनाएं व कार्यक्रम शुरू किए हैं। खुशी की बात है कि हरियाणा में 1000 करोड़ रूपये की लागत से देश के पहले श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है। इस विश्वविद्यालय में स्थानीय मांग के आधार पर युवाओं को कौशलता की शिक्षा दी जाऐगी जिससे देश में बेरोजगारी की समस्या खत्म होगी और युवाओं को रोजगार मिलेगा। आज हमें स्किल, रि-स्किल्ड और मोर स्किलड की उक्ति पर कार्य करना है। तभी हम विश्व को श्री विश्वकर्मा के सृजन का संदेश पहुंचा पाएंगे।
कैप्शन-1-हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय शुक्रवार को श्री विश्वकर्मा दिवस पर राज भवन में उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण कर नमन करते हुए।
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