राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान हरियाणा की नई पहल हर आंगनवाड़ी केंद्र में पोषण वाटिका का पौधारोपण
चण्डीगढ़, 15 सितम्बर – हरियाणा की महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती कमलेश ढांडा ने राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान प्रदेश में बच्चों एवं महिलाओं के पोषण स्तर को सुधारने के लिए प्रदेश ने एक नई पहल करते हुए हर आंगनवाड़ी केन्द्र में पोषण वाटिका स्थापित करने का संकल्प लिया है जो इस वर्ष पोषण माह के थीम ‘कुपोषण छोड़ पोषण की ओर-थामे क्षेत्रीय भोजन की डारे थीम’ पर आधारित है।
श्रीमती ढांडा ने आज इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि ‘पोषण के लिए पौधे’ कार्यक्त्रम के तहत आयुष विभाग द्वारा लोगों को औषधीय पोधों के लाभ एवं महत्व के बारे जानकारी देने के लिए स्पेशल टॉक का आयोजन किया गया है और पोषण वाटिका के बारे जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि पोषाहार के लिए ‘योग एवं आयुष थीम’ पर कार्यक्त्रम चलाए जा रहे हैं और आम जनता को योग के बारे जागरूक किया जा रहा है।
श्रीमती ढांडा ने बताया कि आंगनवाड़ी केन्द्रों के लाभार्थियों को ‘क्षेत्रीय पोषण किट’ वितरित की जा रही है जिसमें सुकाड़ी-गुजरात, पंजीरी-पंजाब, सत्तू-बिहार, चिक्की-महाराष्ट्र के व्यंजन शामिल होंगे और क्षेत्रीय एंव स्थानीय खान-पान के बारे जानकारी देने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। हरियाणा के व्यंजनों की किट्स को भी अन्य प्रदेशों में वितरित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि पोषण माह की शुरूआत आंगनवाड़ी वर्कर्स, सहायक, आशा वर्कर्स, एएनएम, ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण कमेटी, ग्राम पंचायत, पोषण पंचायत के सदस्यों द्वारा एक रैली निकाल कर की गई। इसके अलावा, शहरी क्षेत्रों में वाहनों एवं लाउड स्पीकरों का भी प्रयोग किया गया। आंगनवाड़ी केन्द्रों, स्कूल परिसरों, ग्राम पंचायत एवं अन्य स्थानों पर उपलब्ध भूमि पर सभी पणधारकों द्वारा ‘पोषण वाटिका’ के पौधे लगाए गए। इस दौरान लोगों को किचन गार्डन विकसित करने बारे भी जागरूक किया जा रहा है ताकि उन्हें रोजमर्रा की जरूरत की हरी सब्जियां घर पर ही मिल सकें।
क्रमांक-2021
सत्यव्रत/सुमन
चण्डीगढ़, 15 सितंबर – हरियाणा सरकार ने चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के माध्यम से भगत फूल सिंह राजकीय महिला मेडिकल कॉलेज, खानपुर कलां, सोनीपत में यूएसजी थोरैक्स सेवा की शुरुआत की है।
इस संबंध में चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार प्रदेशभर, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में टर्सरी लेवल की स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। पिछले अनुभवों से यह सामने आया है कि इलाज के लिए जब भी कोई परिवार शहर में जाता है तो इलाज का खर्च बहुत अधिक होता है और अक्सर परिवार पर पैसों का अत्याधिक बोझ बढ़ जाता है।
प्रवक्ता ने बताया कि भगत फूल सिंह राजकीय महिला मेडिकल कॉलेज में यूएसजी थोरैक्स सेवा की शुरुआत श्वसन चिकित्सा विभाग में एमडी डॉ. आनंद अग्रवाल की देख-रेख में हुई है। भगत फूल सिंह राजकीय महिला मेडिकल कॉलेज जिला सोनीपत में स्थित एक अत्याधुनिक संस्थान है।
उन्होंने बताया कि सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कोई भी व्यक्ति बिना किसी खर्च के इन सुविधाओं का लाभ उठा सकता है। मेडिकल कॉलेजों में सभी इलाज मुफ्त व घर के निकट उपलब्ध कराये जा रहे हैं। चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग द्वारा मेडिकल कॉलेजों में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बुनियादी ढांचे के विस्तार के निरंतर प्रयासों से राज्य सरकार की प्रतिबद्धता झलकती है।
प्रवक्ता ने बताया कि प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में 10 केएल क्षमता वाले लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंक भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। अल्ट्रा सोनोग्राफी कई फेफड़ों की बीमारियों जैसे फेफड़ों में फ्ल्यूड भरना, एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (एआरडीएस) के लिए उपचार प्रदान करती है। इस तकनीक से रोग का पता लगाने का तरीका बहुत सटीक है और रोगियों को त्वरित उपचार प्रदान होता है।
क्रमांक-2021
गौरव
चण्डीगढ़, 15 सितंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि परिवार पहचान पत्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। इसके माध्यम से हर पात्र परिवार को सभी सरकारी योजनाओं व सेवाओं का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार अंत्योदय की भावना से यह योजना लेकर आई है, इसलिए सभी विभागाध्यक्ष 1 नवंबर तक अपने-अपने विभागों की स्कीमों व सेवाओं को इस योजना से जोड़ना सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री बुधवार को यहां संबंधित विभागाध्यक्षों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि परिवार पहचान पत्र बनाने की ऐसी योजना बनाने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है। अभी तक इस योजना को देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी शुरू नहीं किया गया है । यह सरकार की फ्लैगशिप योजना है, जिससे सरकार उन पात्र परिवारों तक पहुंचेगी जो सरकारी योजना का लाभ पाने के असल हकदार हैं और उन्होंने अभी तक उनका लाभ नहीं लिया है।
एडमिशन में पीपीपी लागू होते ही मिला तत्काल लाभ
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने परिवार पहचान पत्र योजना के लाभ का जिक्त्र करते हुए कहा कि कॉलेज एडमिशन में पीपीपी को जोड़ने का तत्काल लाभ मिला है। इसकी सराहना खुद कॉलेजों के प्रिंसिपल कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि एडमिशन से पीपीपी को जोड़ने के बाद विद्यार्थियों का डाटा ऑटोमेटिक वेरिफाई हो गया। इससे 15 मिनट का काम महज 5 मिनट में पूरा हो गया और विद्यार्थियों को वेरिफिकेशन के लिए इधर-उधर नही भटकना पड़ा।
आईटी युग में सेवाओं का सरलीकरण
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्तमान दौर सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) का है। इससे सेवाओं का सरलीकरण किया जा रहा है। पीपीपी के शुरू होने से यह आसानी से पता चल जाएगा कि कौन व्यक्ति या परिवार किस योजना का लाभ लेने का पात्र है और किसे इन योजनाओं का लाभ नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि कई दफा ऐसे लोग योजनाओं का लाभ ले रहे होते हैं जो उसके असल हकदार नहीं होते। इसके अलावा कई व्यक्ति कई-कई बार योजनाओं का लाभ ले रहे होते हैं। इससे पहले योजनाओं के लाभार्थियों को वेरिफाई करने का कोई सिस्टम नहीं था। पीपीपी के माध्यम से सरकारी योजनाओं के क्त्रियान्वन में पूर्ण पारदर्शिता आ रही है।
स्मार्टकार्ड के माध्यम से मिलेगा योजनाओं का लाभ
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ अब स्मार्टकार्ड से भी मिलेगा। स्मार्टकार्ड को पीपीपी से जोड़ा जाएगा। शुरूआत में आयुष्मान भारत, सार्वजनिक राशन वितरण प्रणाली, मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना और पेंशन स्कीम को स्मार्ट कार्ड से जोड़ा जा रहा है।
हरियाणा वॉलंटियर प्रोग्राम होगा लॉन्च
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा वॉलंटियर प्रोग्राम के तहत लगभग स्वेच्छा से कार्य करने वाले लोगों को जोड़ा जाएगा। सरकार के जिम्मे बहुत से काम होते हैं, ऐसे में वॉलंटियर के तौर पर युवकों, रिटायर्ड कर्मचारियों, छात्रों की शिक्षा, स्किल डेवलेपमेंट, खेल, कृषि आदि क्षेत्रों में सेवाएं ली जाएंगी। उन्होंने कहा कि समाज की भागीदारी के बिना कोई भी कार्यक्त्रम या योजना सफल नहीं होती, एनजीओ व वॉलंटियर आदि के माध्यम से उनके सार्थक परिणाम निकलते हैं। उन्होंने कहा कि इस समर्पण योजना को पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्मदिवस पर लॉन्च किया जाएगा।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री के निर्देश पर तैयार इंजीनियरिंग वर्कस पोर्टल से जुड़ी पीपीटी भी दिखाई गई। जिसके तहत कॉन्ट्रैक्टर के रजिस्ट्रेशन, उसकी परफॉर्मेंस, आनलाइन वर्क्स अलाटमेंट, टाइम बाउंड पासिंग से जुड़े सभी कार्य पारदर्शी तरीके से होंगे। इस बैठक में मुख्य सचिव श्री विजय वर्धन, मुख्य प्रधान सचिव श्री डीएस ढेसी, एसीएस श्री संजीव कौशल, श्री वीरेंद्र सिंह कुंडू, श्री पीके दास, श्री आलोक निगम, श्री देवेंद्र सिंह, श्री अमित झा, श्री राजीव अरोड़ा, श्री टीवीएसएन प्रसाद, श्री सुमिता मिश्रा, प्रधान सचिव एके सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी.उमाशंकर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. अमित अग्रवाल सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
क्रमांक-2021
राजेश/मनोज
चण्डीगढ़, 15 सितंबर – हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजीव अरोड़ा ने पलवल में हुई मौतों की जानकारी देते हुए बताया कि 12 सितंबर, 2021 को रैपिड रिस्पांस टीम ने इस प्रकोप की जांच के लिए प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया और जहां मौतों की सूचना मिली थी वहां घरों का सर्वेक्षण भी किया गया। उन्होंने बताया कि होने वाली पांच मौतों में से दो मौतें पांच साल से कम आयु के बच्चों की निमोनिया से और तीन मौतें पांच साल से अधिक आयु के बच्चों की हुई हैं । उन्होंने बताया कि एक लडकी जिसका नाम अमांशा पुत्री इरफान, आयु तीन साल, जीएमसी नल्हड में गैस्ट्रोएंटेराइटिस, बुखार, पानी से भरा मल और उल्टी तथा संदिग्ध डिप्थीरिया के रूप में निदान हेतू भर्ती है।
उन्होंने बताया कि गत 11 सितंबर, 2021 को जिला पलवल के चिल्ली और चिल्ला गांवों में पांच बच्चों की बुखार से होने वाली संदिग्ध मौतों की सूचना जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को प्राप्त हुई थी । इस संबंध में जमीनी स्थिति का आंकलन करने के लिए जिला रैपिड रिस्पांस टीम को सिविल सर्जन, पलवल द्वारा सक्त्रिय करते हुए प्रभावित क्षेत्र में भेजा गया था। डब्ल्यूएचओ प्रतिनिधि के समन्वय के साथ प्रभावित गांवों की महामारी विज्ञान जांच का आदेश दिया गया। उन्होंने बताया कि गांव चिल्ली व चिल्ला की कुल आबादी क्त्रमशः 2947 और 763 है, जिसमें कुल हाउसहोल्ड 186 और 72 हैं। यह घटना 9 सितंबर, 2021 को शुरू हुई।
श्री अरोड़ा ने बताया कि सिविल सर्जन, पलवल द्वारा दी गई रिपोर्टस के अनुसार 14 सितंबर, 2021 तक कुल 7 मौतों में से दो मौते पांच साल से नीचे के बच्चों की तथा 5 मौते पांच साल से अधिक आयु के बच्चों की हुई हैं ।
इसी प्रकार, राजीव अरोड़ा ने बताया कि चल रही महामारी विज्ञान जांच के अनुसार स्वास्थ्य टीमों द्वारा घर-घर जाकर बुखार के मामलों की जांच व निरीक्षण किया जा रहा है और कल तक कुल 1089 घरों का निरीक्षण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि प्रभावित क्षेत्र में फॉगिंग, जल निकायों की जांच इत्यादि जैसी सभी एंटीलारवल गतिविधियां जारी हैं। उन्होंने बताया कि पेयजल की पाइप लाइन में कुछ लीकेज भी पाए गए हैं और जनस्वास्थ्य अधिकारियों को इसे जल्द से जल्द ठीक कराने के निर्देश भी दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि अस्थाई चिकित्सा शिविर क्षेत्र में ही स्थापित किया गया है और मामलों का लक्षण के अनुसार इलाज किया जा रहा है और गंभीरता के अनुसार संदर्भित भी किया जा रहा है।
इस बीच, क्षेत्र के प्रयोगशाला निष्कर्षों के अनुसार 175 मलेरिया ब्लड स्लाइड की सभी नकारात्मक रिपोर्ट आई, 250 आरडीटी मलेरिया परीक्षण रिपोर्ट की नकारात्मक रिपोर्ट, गैर-प्रतिक्त्रियाशील 12 डेंगू एलिसा नमूने, 64 आरटीपीसीआर कोविड-19 परीक्षणों की नकारात्मक रिपोर्ट और 50 कोविड-19 एंटीजन परीक्षण की नेगेटिव रिपोर्ट है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि हालांकि इन बच्चों की मृत्यु के अंतिम कारणों पर केवल महामारी विज्ञान की जांच पूरी होने के बाद ही टिप्पणी की जा सकती है, लेकिन प्रथम दृष्टया, प्रकोप का संभावित कारण अस्वच्छ स्थितियां और पीने के पानी के अवैध पाइप कनेक्शन हो सकते हैं, जिसके कारण पीने के पानी का दूषित होना हो सकता है। उन्होंने बताया कि नल्हड मेडिकल कालेज के रिकॉर्ड के अनुसार कुछ मौतों का कारण निमोनिया और गैस्ट्रोएंटेराइटिस हो सकता है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग प्रभावित क्षेत्र में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है और आज की तारीख में स्थिति नियंत्रण में है। श्री अरोड़ा ने कहा कि हम स्थिति पर कड़ी निगरानी भी रख रहे हैं।
क्रमांक-2021
विनोद
चण्डीगढ़,15 सितंबर – हरियाणा सरकार द्वारा दिव्यांग व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने, आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए ‘हरियाणा दिव्यांग व्यक्ति पेंशन योजना’ चलाई जा रही है ।
सामाजिक न्याय एवम् अधिकारिता विभाग द्वारा चलाई जा रही इस योजना का उद्देश्य ऐसे दिव्यांगो को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है जो स्वयं जीवनयापन करने में असमर्थ हैं और जिन्हें इसके लिए राज्य से वित्तीय सहायता की आवश्यकता है । वर्तमान में प्रदेश सरकार द्वारा दिव्यांगों को योजना के नियमों में निर्धारित पात्रता मानदंड के अनुसार ₹2500 तक मासिक पेंशन के रूप में दिए जा रहे हैं।
कौन है पात्र
इस योजना के अंतर्गत हरियाणा प्रदेश के ऐसे डोमिसाइल धारक दिव्यांग पात्र हैं, जिनकी आयु 18 वर्ष या उससे अधिक है तथा वह आवेदन जमा करते समय 3 वर्षों से हरियाणा में ही रहें हों । आवेदक की सभी माध्यमों से आय श्रम विभाग द्वारा अकुशल श्रम की अधिसूचित न्यूनतम मजदूरी से अधिक नहीं होनी चाहिए ।
इस योजना के अंतर्गत न्यून्तम 60 प्रतिशत अंधापन ,कम दृष्टि ,कुष्ठ रोग (ठीक हो चुके व्यक्ति ),सुनने में परेशानी , लोको मोटर विकलांगता , मानसिक मंदता और मानसिक बीमारी से ग्रस्त दिव्यांग व्यक्ति पात्र हैं। योजना से जुड़ने के लिए न्यूनतम 60 प्रतिशत तक दिव्यांग होने का सर्टिफिकेट अनिवार्य है।
कौन नहीं कर सकते आवेदन
वृद्धा पेंशन योजना या विधवा पेंशन योजना का लाभ प्राप्त कर रहे दिव्यांग , ऐसे दिव्यांग जो किसी सरकारी पद पर कार्यरत हैं या जिनके पास तीन पहिया या चार पहिया वाहन है वह इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते।
आवेदन प्रक्त्रिया
हरियाणा दिव्यांग पेंशन योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक ई -दिशा सेंटर और अटल सेवा केंद्र पर जाकर आवेदन कर सकते हैं । इस योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को हर महीने जोड़ा जाता है।
क्रमांक-2021
शालू शर्मा
चण्डीगढ़, 15 सितंबर – हरियाणा सरकार के अंतर्गत आने वाले बोर्ड, निगम व स्वायत्त निकायों की नौकरियों के लिए होने वाली भर्तियों में अनुचित साधन का प्रयोग करने वालों की अब खैर नहीं। राज्य सरकार ने ‘हरियाणा लोक परीक्षा(अनुचित साधन निवारण) अधिनियम, 2021’ को अधिसूचित कर दिया है।
एक सरकारी प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उक्त अधिनियम के अनुसार यदि कोई परीक्षार्थी इस अधिनियम के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन करता है या प्रयास करता है या उल्लंघन करने के लिए उकसाता है, तो उसे दो साल तक के कारावास और पांच हजार रुपये तक के जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।
इसी प्रकार, यदि कोई व्यक्ति निरीक्षण दल के किसी सदस्य, पर्यवेक्षी कर्मचारी, परीक्षा प्राधिकारी, अधिकारी या परीक्षा प्राधिकारी द्वारा नियुक्त कर्मचारी को ड्यूटी करने के लिए या किसी परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने से रोकता है या धमकी देता है, तो उसे दो वर्ष तक कैद और पांच हजार रूपए तक का जुर्माना हो सकेगा।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि यदि किसी व्यक्ति को सार्वजनिक परीक्षा आयोजित करने की जिम्मेवारी सौंपी गई है और वह इस अधिनियम के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन करने का प्रयास करता है या उल्लंघन करने के लिए उकसाता है, तो उसे सात साल तक का कारावास हो सकता है और साथ में जुर्माना लगाया जा सकता है,जो एक लाख रुपए से कम नहीं होगा और तीन लाख रुपए से अधिक नहीं होगा।
उन्होंने यह भी बताया कि यदि कोई व्यक्ति संगठित अपराध में परीक्षा प्राधिकरण के साथ साजिश में शामिल है या अनुचित साधनों में लिप्त होने का प्रयास करता है या इस अधिनियम के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन करने के लिए उकसाता है, तो उसे सात साल से लेकर दस साल तक कैद हो सकती है। इसके साथ ही जुर्माना भी लगाया जाएगा,जो दस लाख रुपए से कम नहीं होगा।
क्रमांक-2021
जंगबीर सिंह
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