चंडीगढ़ 21 नवंबर-भारत-इजरायल परियोजना के तहत बागवानी विभाग हरियाणा की ओर से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस एंड एक्सीलेंस विलेज पर तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इस सम्मेलन में देश के 23 राज्यों के लगभग 80 से 100 अधिकारियों को इस्राइली विशेषज्ञों द्वारा बागवानी की विभिन्न तकनीकों से अवगत कराया जाएगा। इस सम्मेलन का आयोजन पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस पंचकूला के सभागार में होगा। इसमें बागवानी की विभिन्न तकनीक पर चर्चा की जाएगी और सम्मेलन के अंतिम दिन 23 नवंबर को भारत-इजरायल परियोजना के तहत सीओई में सभी प्रतिभागियों का दौरा कार्यक्रम होगा। इजऱाइली विशेषज्ञ श्री उरी रुबिनस्टीन माशव, हरियाणा राज्य बागवानी विकास के मिशन निदेशक श्री हरदीप सिंह और महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय करनाल के कुलपति समर सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर तीन दिवसीय सम्मेलन का शुभारंभ किया।
श्री हरदीप सिंह ने कहा कि बागवानी में विविधीकरण को प्रेरित करने और किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए, हरियाणा सरकार ने ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’, ‘भावांतर भरपाई योजना (बीबीवाई)’, ‘मुख्यमंत्री बगवानी बीमा योजना’ जैसे कई नए कार्यक्रम और पैकेज और योजनाएं शुरू की हैं। (एमबीबीवाई), फसल अवशेष प्रबंधन, हर खेत-स्वस्थ खेत आदि शुरू किए गए।
प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कुलपति प्रोफेसर समर सिंह ने कहा कि राज्य में बागवानी का क्षेत्र पहले से कहीं अधिक बढ़ गया है। किसान परंपरागत खेती की जगह बागवानी की ओर बढ़ रहे हैं। करनाल में स्थापित किया जा रहा बागवानी विश्वविद्यालय इस कड़ी में मील का पत्थर साबित होगा। विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे नए शोध और विकसित की जा रही तकनीकों का लाभ किसानों को सीधे मिलेगा।
सम्मेलन के पहले सत्र के दौरान, इजरायल के विशेषज्ञ श्री उरी रुबिनस्टीन, श्री डैनियल हद्दाद और श्री इत्जाक एस्क्वायर ने प्रतिभागियों को पौधों की सुरक्षा, नर्सरी प्रबंधन के बारे में जानकारी दी, जबकि दूसरे सत्र में इजरायल के विशेषज्ञ श्री एरेज़ केडेम ने सब्जियों व उद्यानों में सिंचाई की तकनीकों के बारे में जानकारी दी। इस्राइली विशेषज्ञों ने इस सत्र में अधिकारियों को बताया कि अगर किसान सब्जियां उगाने की उन्नत तकनीक और रणनीति अपनाएंगे, तो उनकी उपज में उछाल आएगा और किसान अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं। इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों को सब्जियां उगाने में इस्तेमाल होने वाली ग्रीन हाउस तकनीक के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि अगर किसान इस तकनीक को अपनाकर बे-मौसमी सब्जियों की खेती करें तो आसानी से अपनी आमदनी को बढ़ा सकते हैं।
उद्यान विभाग हरियाणा के अतिरिक्त निदेशक डॉ. रणबीर सिंह ने कहा कि इस तरह के सम्मेलन से भारत और इजऱाइल के बीच संबंध मजबूत होंगे और दोनों देशों के बीच कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों के आदान-प्रदान में मदद मिलेगी, जिसका सीधा फायदा किसानों को होगा।
सम्मेलन के पहले दिन का सत्र समाप्त होने के बाद सभी अधिकारियों को रॉक गार्डन और सुकना लेक, चंडीगढ़ की विजिट करवाई गई।
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