पंजाब विधानसभा सत्र के पहले दिन केवल श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री चन्नी ने चौखट पर माथा टेका
लखीमपुर खीरी और आंदोलन में मरे किसानों को दी श्रद्धांजलि
11 नवंबर को होगा सेशन का दूसरा दिन
आज होनी थी बीएसएफ मुद्दे पर सरकार से प्रस्ताव लाने पर चर्चा

पंजाब विधानसभा के स्पेशल सेशन के पहले दिन कोई प्रस्ताव नहीं लाया गया। आज सुबह 10 बजे सदन शुरू होने से पहले पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने विधान सभा के मुख्यद्वार पर माथा टेका तथा इसके बाद वह अंदर गए। सदन में पहले दिन केवल श्रद्धांजलि दी गई, जिसमें केंद्रीय कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों को भी यद् किया गया। अब 11 नवंबर को सेशन का दूसरा दिन होगा। आज पहले दिन बीएसएफ मुद्दे पर सरकार से प्रस्ताव लाने की उम्मीद थी, परन्तु ऐसा हुआ नहीं।
इन्हें दी गई श्रद्धांजलि
पूर्व मंत्री सेवा सिंह शेखवां, पूर्व संसदीय सचिव रविंदर सिंह संधू, शहीद नायब सूबेदार जसविंदर सिंह, शहीद सिपाही जसविंदर सिंह, शहीद सिपाही मंजीत सिंह, इफ्को चेयरमैन बलविंदर सिंह नकई, शहीद सिपाही गज्जन सिंह एवं फ्रीडम फाइटर निरंजन सिंह को विधानसभा को इस अवसर पर याद किया गया।
इसके अलावा लखीमपुर खीरी में मरे गए 4 किसानों एवं एक पत्रकार को भी इस अवसर पर दो मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजलि दी गई।
खेल और युवा मामले एवं शिक्षा मंत्री परगट सिंह ने लखीमपुर खीरी कांड में शहीद हुए चार किसानों और एक पत्रकार का नाम श्रद्धांजलि देने के लिए प्रस्तावित किया।
इसी तरह विरोधी पक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने भी किसान आंदोलन में शहीद हुए सभी किसानों और खेत मजदूरों का नाम श्रद्धांजलि देने के लिए प्रस्तावित किया।

बीएसएफ, कृषि कानून और बिजली समझौतों पर प्रस्ताव 11 को
बीएसएफ और केंद्रीय कृषि कानूनों पर सेशन के दूसरे दिन चर्चा होगी। इसके अलावा बिजली समझौतों पर सरकार व्हाइट पेपर ला सकती है, जो कि दो दिन की छुट्टी के बाद 11 नवंबर को होगा।
क्या है बीएसएफ मुद्दा
पंजाब में पाकिस्तान सीमा से सटे लगभग 600 किमी लंबे बॉर्डर की सुरक्षा बीएसएफ देखती है। अभी तक वह बॉर्डर से 15 किमी अंदर तक कार्रवाई करते थे, परंतु केंद्र सरकार ने पंजाब में पाकिस्तान से ड्रोन के माध्यम से हथियार, ड्रग्स और कैशभेजने के बाद इस सीमा को बढ़ा दिया है। बीएसएफ को अब पंजाब के भीतर 50 किमी तक सर्च और गिरफ्तारी का अधिकार दे दिया गया है। पंजाब सरकार ने इसका विरोध कर दिया, सरकार का तर्क है कि 50 हजार स्क्वायर किमी में फैले पंजाब का लगभग 27 हजार स्क्वायर किमी का एरिया बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में आ गया, जबकि पंजाब पुलिस यहां कार्रवाई करने में पूरी तरह से सक्षम है।
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