कैबिनेट – 4
मुख्यमंत्री कार्यालय, पंजाब
मंत्रीमंडल द्वारा खरीफ मार्किटिंग सीजन 2021-22 के लिए पंजाब कस्टम मिलिंग नीति को मंजूरी, धान के खरीद प्रबंधों को स्वीकृति
चंडीगढ़, 17 सितम्बरः
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाले मंत्रीमंडल ने शुक्रवार को खरीफ मार्किटिंग सीजन 2021-22 के लिए पंजाब कस्टम मिलिंग नीति को मंजूरी दे दी जिससे राज्य की खरीद एजेंसियों (पनग्रेन, मार्कफैड, पनसप और पी.एस.डब्ल्यू.सी.) द्वारा ख़रीदे गए धान को कस्टम मिल्ड चावलों में तबदील करके इसको केंद्रीय पुल में भेजा जा सके।
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता की तरफ से दी जानकारी अनुसार खरीफ मार्किटिंग सीजन 2021-22 की शुरुआत 1 अक्तूबर, 2021 से हो रही है और यह प्रक्रिया 15 दिसंबर, 2021 तक चलेगी। खरीफ के मार्किटिंग सीजन 2021-22 के दौरान खरीद किया गया धान राज्य की योग्य चावल मिलों में भंडारण किया जायेगा।
इस नीति अनुसार चावल मिलों को खरीद केन्द्रों के साथ जोड़ा जायेगा जोकि ख़ाद्य, सिविल सप्लाई और उपभोक्ता मामले के विभाग द्वारा जारी खरीद केंद्र अलॉटमैंट सूची के अनुसार होगा। धान, मिलों की पात्रता के मुताबिक योग्य चावल मिलों में भंडारण किया जायेगा और राज्य की एजेंसियों और राइस मिलरज़ के बीच करारनामा होगा। राइस मिलरज़ द्वारा नीति और करारनामे के मुताबिक 31 मार्च, 2022 तक भंडारण किये धान में से चावलों को मुहैया करवाया जायेगा।
विभाग द्वारा बीते वर्ष के दौरान शुरू की गई आनलाइन विधि का इस्तेमाल चावल मिलों की रजिस्ट्रेशन और अलाटमैंट, चावल मिलों की निजी तस्दीक, सी.एम.आर और चुंगी ज़मानत, रिलीज आर्डर जारी करने के लिए आवेदन और इस विभाग के अनाज खरीद पोर्टल के द्वारा (
https://anaajkharid.in/) इसकी फीस जमा करने जैसी प्रक्रियाओं सम्बन्धी चालू रखा जायेगा। इन प्रक्रियाओं को सख्ती से लागू किया जा रहा है और समय -समय पर निजी तौर पर धान के स्टाक की चैकिंग ज़िला और डिविज़न स्तर पर की जायेगी जिससे किसी भी गड़बड़ी पर नकेल डाली जा सके।
यह कदम विभाग द्वारा इस कारण उठाये गए हैं जिससे धान की मिलिंग का काम पारदर्शी ढंग से पूरा पूरा हो सके और स्टाक में किसी प्रकार की चोरी को रोका जा सके।
ज़िक्रयोग्य है कि विभाग द्वारा हर वर्ष खरीफ के मार्किटिंग सीजन के शुरू होने से पहले कस्टम मिलिंग नीति जारी की जाती है जिससे धान, जोकि राज्य की एजेंसियों के द्वारा भारत सरकार की तरफ से तय शर्तों के अनुसार ही खरीदा जाता है, की मिलिंग की जा सके।
मंत्रीमंडल की तरफ से इस मौके बीते वर्ष के दौरान धान की वास्तविक पैदावार को प्रमुख रखते हुए 191 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद के इंतज़ामों को भी मंज़ूरी दे दी है। इसके मुताबिक इंतज़ाम किये जा रहे हैं कि 42012.13 करोड़ रुपए की नकद कर्ज़ हद का इस्तेमाल किया जा सके जोकि राज्य की खरीद एजेंसियों को अलाट किये 95 प्रतिशत हिस्से की खरीद के लिए ज़रूरी है।
धान के खरीद सीजन 2021 -22 की तैयारियों की समीक्षा करते हुए मंत्रीमंडल को यह जानकारी दी गई कि मज़दूरों के प्रबंध और मंडियों से धान को चावल मिलों /स्टोरेज के स्थानों तक पहुँचाने के लिए ज़रुरी इंतज़ाम किये जाएंगे। धान के भंडारण के लिए राइस मिलरों को अपने तौर पर ही करेटों का इंतज़ाम करना पड़ेगा और इसलिए उनको प्रांतीय एजेंसियों के द्वारा यूज़र खर्चे भी अदा किये जा सकेंगे। इसके इलावा भंडारण के दौरान धान की सुरक्षा के लिए एल.डी.पी.एफ. पॉलीथीन तरपालों का इस्तेमाल किया जा रहा है। भारत सरकार के दिशा -निर्देशों अनुसार को राजस्व विभाग के ज़मीन के रिकार्ड पोर्टल को पंजाब मंडी बोर्ड पोर्टल और ख़ाद्य, सिविल सप्लाई और उपभोक्ता मामले के विभाग के अनाज खरीद पोर्टल के साथ जोड़ दिया गया है।
भारत सरकार ने धान की आम किस्म का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1940 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है और ग्रेड ‘ए ’ किस्म के धान की कीमत खरीफ मार्किटिंग सीजन 2021 -22 के लिए 1960 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित की गई है। राज्य की खरीद एजेंसियाँ पनग्रेन, मार्कफैड, पनसप, पी.एस.डब्ल्यू.सी. और एफ.सी.आई. की तरफ से भारत सरकार के द्वारा निर्धारित ख़ासियतों के मुताबिक किसी एम.एस. पी. पर ही धान की खरीद की जायेगी।
पंजाब मंडी बोर्ड की तरफ से 1806 खरीद केंद्र नोटीफायी किये गए हैं जो कि 25 सितम्बर, 2021 को अलग-अलग खरीद एजेंसियों को अलाट किये जाएंगे। इसके इलावा चावल मिलों और अन्य उचित सार्वजनिक स्थानों को खरीफ मार्किटिंग सीजन 2021 -22 के लिए धान की खरीद हेतु अस्थायी खरीद केंद्र नोटीफायी किया जायेगा जिससे मंडियों में भीड़-भाड़ से बचते हुए कोविड -19 की तीसरी लहर को नकेल डालने के लिए एहतियात के तौर पर धान की अलग -अलग समय पर खरीद यकीनी बनाई जा सके।
विभाग की तरफ से सीजन के दौरान धान की निर्विघ्न और पारदर्शी खरीद यकीनी बनाने हेतु सभी कदम उठाए जाएंगे। मीटिंग के दौरान यह भी फ़ैसला किया गया कि एफ.सी.आई. की तरफ से अपने अलाट किये हिस्से के अनुसार धान की खरीद की जायेगी जिसके लिए उसकी तरफ से नकद कर्ज़, स्टाक सामान, भंडारण के लिए जगह और बारदाने का इंतज़ाम किया जायेगा।
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