पंजाब सरकार द्वारा अनुमत जोनों में औद्योगिक इकाईयों के लिए सी.एल.यू. प्राप्त करने संबंधी शर्तों में छूट: सरकारिया
इस कदम से पंजाब में औद्योगिक विकास को मिलेगा और बढ़ावा
राज्य में औद्योगिक विकास को और बढ़ावा देने के उद्देश्य से ऐतिहासिक फ़ैसला लेते हुए पंजाब सरकार द्वारा अनुमत जोनों में हरी, संतरी और लाल श्रेणी की अकेली औद्योगिक इकाईयाँ (स्टैंडअलोन उद्योगों) स्थापित करने के लिए चेंज ऑफ लैंड यूज (सीएलयू) की मंज़ूरी लेने सम्बन्धी शर्तों में छूट दी गई है।
इस संबंधी विवरण देते हुए पंजाब के आवास निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री सुखबिन्दर सिंह सरकारिया ने बताया कि पहले उद्योगपतियों को विभाग से सी.एल.यू. प्राप्त करने की ज़रूरत होती थी और फिर बिल्डिंग प्लान करने के लिए मंजूरी लेनी पड़ती थी।
मंत्री ने कहा कि उद्योगपतियों के लिए अपने प्रोजैक्ट शुरू करने के लिए यह प्रक्रिया काफ़ी मुश्किल भरी और समय खराब करने वाली थी। सी.एल.यू. प्राप्त करने में छूट के साथ अब उद्योग स्थापित करने में प्रोत्साहन मिलेगा, क्योंकि यह प्रक्रिया को मुश्किल रहित करेगा और इसमें लगने वाले समय को घटा देगा। उन्होंने आगे कहा कि अब उद्योगपति अपने बिल्डिंग प्लान विभाग से सीधे तौर पर मंजूर करवा सकते हैं।
सरकारिया ने कहा कि बिल्डिंग प्लान की मंजूरी उद्योगों के लिए स्थान की चयन संबंधी दिशा-निर्देशों और विभाग के बिल्डिंग उप-नियमों को पूरा करने पर ही मिलेगी और आवेदनकर्ता के लिए इनकी पालना करना अनिवार्य होगा।
उल्लेखनीय है कि अलग-अलग औद्योगिक ऐसोसीएशनें लम्बे समय से उद्योग स्थापित करने की प्रक्रिया को आसान बनाने और सिंगल स्टेप क्लीयरेंस की मांग कर रही थीं। इन ऐसोसीएशनों का विचार था कि राज्य में बहुत से उद्यमी उद्योग स्थापित करने के लिए तैयार हैं, परन्तु सी.एल.यू. समेत अन्य मंज़ूरियां लेने के लिए लम्बी प्रक्रियाएं उनके रास्ते में रुकावट बन रही हैं।
सरकारिया ने कहा कि यह फैसला औद्योगिक ऐसोसीएशनों की मांग को ध्यान में रखते हुए और बदलते हालात जिनमें राज्य को कृषि पर अपनी निर्भरता घटाने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए अन्य तरीकों की आलोचना करने की जरूरत है, को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। मंत्री ने कहा कि सरकार राज्य की आर्थिक संभावनाओं को बेहतर बनाना चाहती है और उद्योगों को यह छूट देने के फैसले से वांछित परिणाम मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि यह कदम उद्योगपतियों को उद्योग स्थापित करने के लिए आगे आने के लिए प्रोत्साहित करेगा, जिसके परिणामस्वरूप राज्य के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी।
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