मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को सांय मुख्यमंत्री आवास में वर्चुअल रोजगार एवं उद्यमिता संवाद आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड बोधिसत्व विचार श्रृंखला की पांचवी संगोष्ठी को सम्बोधित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बोधिसत्व विचार श्रृंखला की रोजगार एवं उद्यमिता संवाद संगोष्ठी में तकनीकी दक्षता प्राप्त कर रहे छात्रों एवं विषय विशेषज्ञ शिक्षकों, विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार के माध्यम से समाज को नई राह दिखाने वाले युवा उद्यमियों के विचार इस विचार श्रृंखला को नई दिशा देने में प्रभावी भूमिका निभायेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयास उत्तराखण्ड को ब्राण्ड मॉडल बनाने का भी कार्य करेंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा कैम्पस सलेक्शन न होने वाले छात्रों को प्रशिक्षित करने के प्रयासों की सराहना की तथा ऐसे छात्रों को लेटर ऑफ इन्ट्रेन भी प्रदान किये, उन्होंने कहा कि ऐसे छात्रों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के प्रयास युवाओं के भविष्य को संवारने में मददगार होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य स्थापना के दो दशक के बाद उत्तराखण्ड युवा राज्य बन चुका है। पिछले दो दशकों में राज्य के विकास के लिये सतत् प्रयत्न किये गये हैं,
जिनका असर धरातल पर दिखाई भी दे रहा है। इन दशकों में राज्य के विकास का आधारभूत ढ़ांचा बनाने के लिये भी कई पहलुओं पर प्रयोग हुए हैं। प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिये एक दूरगामी योजना बनाने के लिये समाज के विभिन्न वर्ग के लोगों एवं विषय विशेषज्ञों को सहयोगी बनाने का हमारा प्रयास है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे लोगों ने देश व दुनिया में अनेक क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा एवं योग्यता से अपनी पहचान बनायी है। राज्य के सर्वांगीण विकास की रूपरेखा के निर्धारण में विभिन्न क्षेत्रों के विषय विशेषज्ञों एवं प्रबुद्ध जनों को सहयोगी बनाये जाने का हमारा प्रयास है। इसके लिये इस विचार श्रृंखला की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि इस श्रृंखला में प्राप्त होने वाले सुझाव व विचार उत्तराखण्ड को 2025 में रजत जयंती वर्ष के अवसर पर राज्य को देश का श्रेष्ठ व अग्रणी राज्य बनाने में मददगार होंगे, इसके लिये सभी विभागों का आगामी 10 सालों का रोड मैप भी तैयार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अच्छी स्कूल हो, शिक्षा का बेहतर वातावरण हो, स्वास्थ्य सुविधाओं का विकास हो, राज्य के आय के संसाधनों की वृद्धि के साथ ही मूलभूत सुविधाओं के विकास पर कैसे नियोजित ढंग से व्यय हो, पलायन रूके, बेरोजगारी दूर हो इस प्रकार की ज्वलंत समस्याओं का हमें समाधान करना है। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरी सीमित है, इससे ही बेरोजगारी दूर नहीं होगी। इसके लिये स्वरोजगार की दिशा में पहल की गई है। विभिन्न विभागों के 24 हजार पदों के साथ ही पुलिस विभाग में रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की है। सरकारी नौकरी हजारों में है और बेरोजगारी लाखों में, यह विषय सभी के लिये सोचनीय है इसके लिये हम सबको सहयोगी बनना होगा। इसमें बुद्धिजीवियों, विषय विशेषज्ञों, समाजसेवियों, सभी को योगदान देना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन हमारी आर्थिकी का महत्वपूर्ण आधार है, इसके लिये राज्य में होम स्टे योजना को प्रभावी बनाया गया है।
इनकी संख्या लाखों में पहुंचे इसके भी प्रयास किया जा रहा है। इस अवसर पर उत्तराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पी.पी. ध्यानी ने कहा कि उत्तराखण्ड के युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध हों उन्हें तकनीकी दक्षता का बेहतर माहौल उपलब्ध हो, कैम्पस सलेक्शन न होने वाले छात्रों को कैम्पस में उनके प्रशिक्षण की व्यवस्था पर ध्यान दिया जा रहा है। ऐसे 250 छात्रों को संस्थान द्वारा प्रशिक्षित भी किया गया है। संवाद कार्यक्रम में न्यूयार्क युनिवर्सिटी के डीन श्री आशीष जोशी ने सुझाव दिया कि कम्यूनिटी हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावो देने के साथ ही राज्य के विकास का मॉडल तैयार किया जाना चाहिये इसमें हर क्षेत्र में कार्य करने वालों को सहयोगी बनाने के लिये रिसर्च सेंटर की स्थापना की बात उन्होंने कही। स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास से सम्बन्धित उद्यम से जुड़े श्री सीएस डांगी न राज्य के उत्पादों को पहचान दिलाने तथा विभिन्न क्षेत्रों के विषय विशेषज्ञों के बुद्धिजीवियों की टीम बनायी जाने तथा नवाचार के प्रति विशेष ध्यान देने पर बल दिया। युवा उद्यमी श्री तरूण कुमार ने कहा कि उत्तराखण्ड में हेंडी क्राफ्ट को बढ़ावा देने की बड़ी संभावना है। कास्ताकारों की आय तथा स्वरोजगार के अवसर इससे बढ़ सकेंगे।
इसके साथ ही संवाद कार्यक्रम में तकनीकि प्रशिक्षण एवं कौशल विकास से जुड़े श्री अमित गोस्वामी, सुश्री आंचाल डाकिया ने अपने विचार साझा किये। प्रदेश के सभी प्रमुख संस्थानों के शिक्षक छात्र तथा देश के विभिन्न क्षेत्रों से विषय विशेषज्ञ इस संवाद कार्यक्रम से जुड़े थे। कार्यक्रम के संयोजक एवं मुख्यमंत्री के मुख्य समन्वयक प्रो. दुर्गेश पंत ने बताया अब तक बोधिसत्व की 5 विचार श्रृंखलायें तथा 13 विचार गोष्ठी आयोजित की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि विचार श्रृंखला में प्राप्त सुझावों को संकलित किया जायेगा तथा इससे भविष्य की योजना तैयार करने में मदद मिलेगी। सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग
Also See:
Salesforce, the worlds #1 CRM, powered by AI technology and capabilities, today hosted India's first…
Lung cancer remains one of the most prevalent and deadly cancers globally, with approximately 2.2…
At Lord's Mark Industries Limited, led by Sachidanand Upadhyay, we are committed to fostering positive…
After the success of the first phase of 'The Missing Beat', a campaign aimed at…
Laid the foundation stone by Shri D. Sridhar Babu, Minister of IT, Electronics, Communications, Industries…
Chitkara University has earned a prominent place on the global academic stage, ranking 161st in…