अभय सिंह चौटाला ने छोटूराम जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी |
अभय सिंह चौटाला ने छोटूराम जी को श्रद्धासुमन अर्पित किए |
छोटूराम जी किसान, और कमेरे के मसीहा थे: अभय सिंह चौटाला
मंत्री पद पर रहते हुए छोटूराम नेे किसान और कमेरों के उत्थान के लिए 38 कानून बनाए थें: अभय सिंह चौटाला
कानून बनाया जिसमें किसानों की जमीन और बैल की कुर्की नही हो सकती, मंडी व्यवस्था लागू की जिससे किसानों ने अपनी फसल मंडी में जाकर बेचनी शुरू की और साहूकारों के चुंगल से बच गया
मांग – अभय सिंह चौटाला ने कहा कि भाखड़ा नंगल बांध सर चौ. छोटूराम की सोच और विचार का परिणाम है इसलिए भाखड़ा नंगल बांध पर उनकी मूर्ति की स्थापना की जाए और और पंजाब युनिवर्सिटी के कृषि विभाग में उनकी चेयर स्थापित की जाए और पांचवी के स्कूल से लेकर पोस्ट ग्रेजुएशन तक के पाठयक्रम में उनकी पढ़ाई करवाई जाए |
चंडीगढ़, 22 नवंबर
इंडियन नेशनल लोकदल एमएलए फ्लैट-47, सेक्टर-4, चंडीगढ़
इनेलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने 24 नवंबर को सर चौ. छोटूराम जी की जयंती पर उन्हें नमन करते हुए श्रद्धांजलि दी और श्रद्धासुमन अर्पित किए। उन्होंने कहा कि सर चौ. छोटूराम जी किसान, और कमेरे के मसीहा थे और इन वर्गों के उत्थान में उनका बहुत बड़ा योगदान था यही कारण है कि सर चौ. छोटूराम आज भी किसान और कमेरे के दिलों पर राज करते हैं।
अभय सिंह चौटाला ने कहा कि सर चौ. छोटूराम संयुक्त हरियाणा पंजाब में कृषि मंत्री और राजस्व मंत्री थे। सरकार में मंत्री पद पर रहते हुए उन्होंने किसान और कमेरों के उत्थान के लिए 38 कानून बनाए थें। किसानों का कर्ज माफ किया। कानून बनाया जिसमें किसानों की जमीन और बैल की कुर्की नही हो सकती। किसान कल्याण कोष स्थापित किया और किसान स्कॉलरशिप शुरू की जिसमें किसानों और कमेरों के बच्चों की शिक्षा का खर्च उठाया जाता था।
मंडी व्यवस्था लागू की जिससे किसानों ने अपनी फसल मंडी में जाकर बेचनी शुरू की और साहूकारों के चुंगल से बच गया। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का असली उदाहरण सर चौ. छोटूराम हैं जिनकी दो बेटियां थी और उन्होंने कभी भी बेटे की कामना नहीं की वो कहते थे जितने भी देश के युवा हैं वो सभी उनके बेटे हैं।
अभय सिंह चौटाला ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि भाखड़ा नंगल बांध सर चौ. छोटूराम की सोच और विचार का परिणाम है इसलिए भाखड़ा नंगल बांध पर उनकी मूर्ति की स्थापना की जाए और और पंजाब युनिवर्सिटी के कृषि विभाग में उनकी चेयर स्थापित की जाए। पांचवी के स्कूल से लेकर पोस्ट ग्रेजुएशन तक के पाठयक्रम में उनकी पढ़ाई करवाई जाए।
For More Information Stay Updated With : newsonline.media