15 सीवीओ की नियुक्ति बता रही भ्रष्टाचार का बना रिकॉर्ड: कुमारी सैलजा
भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार को ले डूबेगा बढ़ता भ्रष्टाचार
भ्रष्टाचार रोकने में सरकार विफल, इसलिए एक साथ इतने सीवीओ लगाने जा रही है
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य एवं हरियाणा कांगे्रस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार में भ्रष्टाचार तेजी से बढ़ रहा है। लगातार नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। प्रदेश सरकार इस पर कोई नियंत्रण नहीं लगा पा रही है। इसलिए अब एक साथ 15 चीफ विजिलेंस ऑफिसर नियुक्त करने जा रही है। इतनी बड़ी में संख्या में होने वाली इस तरह की नियुक्तियों से साफ है कि भ्रष्टाचार किस कदर हर स्तर पर मौजूद है। यही भ्रष्टाचार गठबंधन सरकार को सत्ता से बेदखल करने में अहम भूमिका निभाएगा।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश में कितने ही महकमों में खुद के विजिलेंस ऑफिसर हैं, जबकि अलग से एंटी करप्शन ब्यूरो भी कार्य कर रहा है। लेकिन, इन सभी की मौजूदगी के बावजूद भ्रष्टाचार पर कोई अंकुश नहीं है। प्रदेश सरकार की नाक के तले भ्रष्टाचार को सरकार में मौजूद लोगों के इशारे पर ही बढ़ावा दिया जा रहा है। मुख्य सचिव कार्यालय में एक साथ 15 सीवीओ की भर्ती बताने के लिए काफी है कि प्रदेश में भ्रष्टाचार के क्या हाल हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सीवीओ के पदों पर बाहरी लोगों की नियुक्ति प्रदेश के अफसरों का मनोबल तोड़ने का काम करेगी। प्रदेश के पास ऐसे आईपीएस व आईएएस अधिकारियों की कमी नहीं है, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार मुखर रहते हैं। लेकिन, इन्हें नजरअंदाज कर अलग से सीवीओ नियुक्त करना इनके मनोबल को तोड़ने का काम करेगा। इसलिए प्रदेश सरकार को बाहर से सीवीओ तैनात करने की बजाए अपने अफसरों को ही और अधिकार देने चाहिए।
कुमारी सैलजा ने कहा है कि एचपीएससी और एचएसएससी के पेपर लीक, नौकरियों में भ्रष्टाचार, अधिकारियों का रिश्वत लेते हुए पकड़ा जाना, यह सब इस बात का सबूत हैं कि रुपये के बिना नौकरियां दी ही नहीं गई। पीडब्ल्यूडी में कमीशन को लेकर चल रही चर्चाएं जगजाहिर हैं। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग का धान व गेहूं घोटाला, एक्साइज विभाग का शराब घोटाला, श्रम विभाग में श्रमिकों के कल्याण के रुपये की अंदरखाने बंदरबांट, तहसील का रजिस्ट्री घोटाला, पंचायत विभाग में काम के बिना ही भुगतान का घोटाला, मनरेगा घोटाला आदि लगातार चर्चा में रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सिर्फ करनाल जिले के घोटालों पर ही नजर दौड़ाएं तो पता चलता है कि यहां पर हर सप्ताह कोई न कोई घोटाला सामने आ ही जाता है। मुख्यमंत्री का गृहक्षेत्र होने के बावजूद भ्रष्टाचार पर यहां कोई लगाम नहीं है। अफसरों के करोड़ों रुपये के साथ पकड़े जाने की घटनाएं करनाल में ही सामने आई थी।
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