Pakistan Ko Siachen Se Khadedane Vaale General Hoon Ka Nidhan
पाकिस्तान को सियाचीन से खदेडऩे वाले जनरल हून का निधन | मंगलवार को चंडीगढ़ में होगा अंतिम संस्कार
चंडीगढ़, 07 जनवरी। भारतीय सेना द्वारा वर्ष 1984 में चलाए गए आप्रेशन मेघदूत का नेतृत्व करने वाले सेना के लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) पी.एन. हून का सोमवार को देररात पंचकूला स्थित सेना अस्पताल में निधन हो गया। 91 वर्षीय हून का पिछले कुछ दिनों से सेना के कमांड अस्पताल में इलाज चल रहा था। सेवानिवृत्त होने के बाद वह अपने परिवार समेत पंचकूला में ही बसे हुए थे। उनका अंतिम संस्कार आज बाद दोपहर चंडीगढ़ में किया जाएगा।
करीब 33 साल पहले पाकिस्तान ने जब सियाचीन चोटी पर कब्जे की तैयारी पूरी कर ली तो ऐन मौके पर भारतीय सेना को कूच के आदेश जारी किए गए। विश्व की सबसे उंची चोटी पर भारतीय सेना द्वारा शुरु किए गए आप्रेशन मेघदूत की कमान पीएन हून को सौंपी गई थी।
पाकिस्तान के एबटाबाद में जन्में हून का परिवार बटंवारे के बाद भारत आ गया था। हून वर्ष 1987 में सेना की चंडीगढ़ स्थित पश्चिमी कमान प्रमुख के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे। साल 2013 में उन्होंने भाजपा की सदस्यता भी ग्रहण की लेकिन वह सक्रिय राजनीति का हिस्सा नहीं बने। हून के नेतृत्व ने भारत ने सियाचिन युद्ध जीता था। यह आप्रेशन अप्रैल, 1984 में तब लांच किया गया जब खुफिया एजेंसी रॉ ने बताया कि 17 अप्रैल 1984 को पाकिस्तान सेना सियाचिन ग्लेशियर कब्जाने के लिए चढ़ाई करेगी।
भारतीय सैनिकों ने हून की अगुवाई में भारतीय झंडा फहराया। सेना के इतिहास में इस आप्रेशन को इसलिए याद रखा जाता है कि संख्या के आधार पर भारतीय सैनिक जहां बहुत कम थे वहीं उनके पास न तो प्र्याप्त हथियार थे और न ही सियाचिन के तापमान के अनुरूप उपकरण थे। जिसके चलते कमांडर हून को इसका नेतृत्व सांैपा गया था। सेवानिवृत्ति के बाद हून ने देश की सुरक्षा को लेकर कई सुझाव भी दिए।
उनके निधन पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर, हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य समेत कई जनप्रतिनिधियों ने शोक व्यक्त किया है।